दिल्ली और पंजाब में स्वतंत्रता दिवस के आसपास फिदायीन हमले की आशंका के चलते हाई अलर्ट जारी किया गया है। खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जम्मू स्थित एक आतंकी समूह के एक या दो आतंकी 15 अगस्त के बाद हमला कर सकते हैं।
खुफिया रिपोर्ट्स में जम्मू स्थित एक आतंकी समूह के एक या दो आतंकियों द्वारा स्वतंत्रता दिवस के आसपास फिदायीन हमले की आशंका जताए जाने के बाद दिल्ली और पंजाब में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। 15 अगस्त को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के कारण आशंका जताई जा रही है कि हमला एक या दो दिन बाद हो सकता है।
इंटरसेप्ट किए गए आतंकियों के बीच बातचीत के मुताबिक, आतंकी 15 अगस्त के बाद दिल्ली या पंजाब में उन जगहों को निशाना बना सकते हैं जहां सुरक्षा व्यवस्था कमजोर हो। खुफिया सूत्रों ने बताया कि जम्मू के कठुआ के पास एक गांव में हाल ही में हथियारों से लैस दो अज्ञात लोगों को देखा गया था। आशंका है कि ये लोग पठानकोट की ओर बढ़ सकते हैं।
इसके अलावा, 1 जून को जम्मू के एक दूरदराज के इलाके में विस्फोटकों की एक खेप पहुंचाई गई थी। इन विस्फोटकों का इस्तेमाल सुरक्षा बलों, शिविरों या महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने के लिए किया जा सकता है।
अलर्ट में आईएसआई और पंजाब और जम्मू-कश्मीर में सक्रिय गैंगस्टरों, कट्टरपंथियों और आतंकवादियों के एक नेटवर्क के बीच संबंधों पर भी प्रकाश डाला गया है। इस समूह का उद्देश्य स्वतंत्रता दिवस समारोह और अमरनाथ यात्रा दोनों को बाधित करना है। आशंका है कि 15 अगस्त के आसपास भीड़भाड़ वाले इलाकों को निशाना बनाने के लिए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) का इस्तेमाल किया जा सकता है।
कठुआ, डोडा, उधमपुर, राजौरी और पुंछ में हाल ही में हुई आतंकवादी घटनाएं जम्मू क्षेत्र में सशस्त्र समूहों से लगातार खतरे का संकेत देती हैं। ये समूह कथित तौर पर हाई-प्रोफाइल हस्तियों, महत्वपूर्ण स्थलों और भीड़भाड़ वाले स्थानों को निशाना बनाकर विध्वंसक कार्रवाई की योजना बना रहे हैं। दिल्ली को पहले भी लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) जैसे समूहों के लिए एक संभावित लक्ष्य के रूप में उल्लेखित किया गया है।
दिल्ली में 15 अगस्त तक सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी जाएगी, जिसमें न केवल आधिकारिक तिरंगा फहराने का समारोह बल्कि राष्ट्रपति के 'एट होम' स्वागत समारोह को भी शामिल किया जाएगा। वरिष्ठ खुफिया अधिकारियों ने जोर देकर कहा है कि खुले, भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में प्रधान मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति इन आयोजनों को हमलों के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील बनाती है। पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों, वैश्विक जिहादी समूहों और घरेलू कट्टरपंथी तत्वों द्वारा की जा सकने वाली कार्रवाइयों से खतरा और बढ़ गया है।