मोदी सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती मनाने के लिए उच्च स्तरीय कमेटी बनाने का ऐलान किया है। इस कमेटी की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे। यह उच्च स्तरीय समिति 23 जनवरी 2021 से शुरू होने वाले एक साल के स्मरणोत्सव के लिए कार्यक्रमों पर निर्णय करेगी।
नई दिल्ली. मोदी सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती मनाने के लिए उच्च स्तरीय कमेटी बनाने का ऐलान किया है। इस कमेटी की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे। यह उच्च स्तरीय समिति 23 जनवरी 2021 से शुरू होने वाले एक साल के स्मरणोत्सव के लिए कार्यक्रमों पर निर्णय करेगी। भारत सरकार ने नेताजी की 125 वीं जयंती को श्रद्धांजलि वर्ष के तौर पर आयोजित करने का फैसला किया है। इस दौरान भारत के स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी के महान योगदान पर आभार व्यक्त किया जाएगा।
इससे पहले पीएम मोदी ने नेताजी के बारे में बोलते हुए कहा था, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के की बहादुरी और उपनिवेशवाद का विरोध करने में अमिट योगदान के प्रति भारत हमेशा उनका आभारी रहेगा। वे ऐसे शूरवीर थे, जिन्होंने प्रत्येक भारतीय को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध किया कि वह सम्मान का जीवन जीते हैं। सुभाष बाबू अपनी बौद्धिक कुशलता और संगठनात्मक कौशल के लिए भी जाने जाते थे। हम उनके आदर्शों को पूरा करने और एक मजबूत भारत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
कौन कौन होगा कमेटी में?
इस उच्च स्तरीय कमेटी में विशेषज्ञ, इतिहासकार, लेखक, नेताजी के परिवार के सदस्य और आजाद हिंद फौज, आईएनए से जुड़े प्रतिष्ठित व्यक्ति होंगे। यह समिति देश विदेश में नेताजी और आजाद हिंद फौज से जुड़े स्थानों में होने वाली गतिविधियों का मार्गदर्शन करेगी।
भारत सरकार ने उठाए कई कदम
पिछले कुछ सालों में भारत सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की विरासत को संरक्षित करने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। मोदी सरकार ने लाल किले पर एक संग्रहालय बनाया। इसका उद्घाटन पिछले साल 23 जनवरी को पीएम मोदी ने किया था। इसके अलावा कोलकाता में विक्टोरिया मेमोरियल भवन में स्थायी प्रदर्शनी और नेताजी पर एक लाइट एंड साउंड शो शुरू करने की योजना बनाई गई है।
सत्ता में आने के बाद 2015 में मोदी सरकार ने नेताजी से संबंधित फाइलों को जनता के लिए सुलभ बनाने का फैसला किया गया था। 4 दिसंबर 2015 को 33 फाइलों की पहली लॉट को डिक्लेयर किया गया था। जनता की लंबे वक्त से मांग थी कि नेताजी से जुड़ीं फाइलों को सार्वजनिक किया जाए।