शिमला : हज़ारों करोड़ के घोटाले, भ्रष्टाचार समेत कई गंभीर मामलों की जाँच उच्च जाँच एजेंसियों को सौंपना आम बात है। अन्य मामलों की जाँच राज्य पुलिस समेत अन्य जाँच एजेंसियां करती हैं। लेकिन गायब समोसे के लिए CID जाँच, यह पहली और अनोखी घटना हिमाचल प्रदेश में हुई है। एक समोसा अब देशभर में चर्चा का विषय बन गया है। सरकार, पुलिस, अधिकारी इस समोसे के पीछे पड़ गए हैं। लोग कह रहे हैं कि समोसा हम दे देंगे, पुलिस और अधिकारी आम जनता की समस्याओं पर ध्यान दें।
यह घटना जितनी रोचक है, जाँच और पुलिस का दिया गया ट्विस्ट भी उतना ही रोचक है। हिमाचल प्रदेश CID कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई थी। हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इस बैठक में शामिल हुए और प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की। CID अधिकारियों समेत सरकारी सचिव भी इस बैठक में मौजूद थे।
राज्य के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री के आगमन के कारण, CID अधिकारियों ने चाय के साथ समोसे और कुछ अन्य नाश्ते का आदेश दिया था। बैठक के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को चाय दी गई। इस दौरान लाया गया समोसा गायब हो गया। कितना भी ढूँढा, समोसा नहीं मिला। नाराज़ हिमाचल प्रदेश CBI के डायरेक्टर जनरल संजीव रंजन ओझा ने जाँच के आदेश दिए।
सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए लाया गया समोसा किसने खाया? जाँच तेज़ हो गई है। CCTV फुटेज की जाँच शुरू हो गई है। चर्चा है कि पुलिसवालों ने समोसा खा लिया। लेकिन यह मामला मीडिया में लीक हो गया। बस फिर क्या था, हिमाचल प्रदेश ट्रोल और आलोचनाओं का शिकार हो गया। हिमाचल प्रदेश में गायब समोसे के लिए CID जाँच के आदेश की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई। सरकार की नाक कट गई।
तब संजीव रंजन ओझा ने सफाई दी। यह आंतरिक मामला है। सरकार ने यहाँ जाँच के आदेश नहीं दिए हैं। हमने बस पूछा था कि लाया गया समोसा कैसे गायब हुआ। यह आंतरिक रूप से पूछा गया सवाल है। इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है। सुखविंदर सिंह सुक्खू समोसा नहीं खाते हैं। इस मामले को जान-बूझकर लीक किया गया और इसे राजनीतिक रंग दिया गया।
लाया गया समोसा कैसे गायब हुआ? चाय के समय देने के लिए रखा समोसा गायब है, यह स्वाभाविक रूप से पूछा गया सवाल है। इसमें कोई जाँच नहीं है, यह आंतरिक तौर पर पूछा गया सवाल है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी जाँच के आदेश की खबर को खारिज कर दिया है। सरकार ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है। यह CID का आंतरिक मामला है, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नरेश चव्हाण ने कहा। विपक्ष ने इस मामले को राजनीतिक रंग दिया है।