हिमंत बिस्वा सरमा ने ली असम के मुख्यमंत्री पद की शपथ, 2014 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे

हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को असम के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्य में दुबारा सत्ता में आई भाजपा ने इस बार सर्वानंद सोनावाल के बजाय हिमंत बिस्वा सरमा को राज्य की कमान सौंपने का निर्णय लिया था। दिल्ली में हुई महत्वपूर्ण बैठक के बाद सर्बानंद ने पार्टी के फैसले को स्वीकार कर लिया था। बता दें कि बिस्वा सरमा 2014 में कांग्रेस से नाराज होकर भाजपा में आए थे। इसके बाद वे भाजपा में एक बड़े नेता के तौर पर उभरे। राज्यपाल जगदीश मुखी ने उन्हें शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे।

गुवाहाटी, असम. राज्य के नए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा होंगे। उन्होंने आज दोपहर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल जगदीश मुखी ने उन्हें शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहे। हिमंत के साथ 13 कैबिनेट मंत्रियों ने भी अपने पद की शपथ ग्रहण की। शपथ ग्रहण समारोह से पहले हिमंत डोल गोबिंदा मंदिर और कामाख्या मंदिर पहुंचे। असम में दुबारा सत्ता में आई भाजपा ने इस बार सर्वानंद सोनावाल के बजाय हिमंत बिस्वा सरमा को राज्य की कमान सौंपने का निर्णय लिया था। दिल्ली में हुई महत्वपूर्ण बैठक के बाद सर्बानंद ने पार्टी के फैसले को स्वीकार कर लिया था।

बता दें कि बिस्वा सरमा 2014 में कांग्रेस से नाराज होकर भाजपा में आए थे। इसके बाद वे भाजपा में एक बड़े नेता के तौर पर उभरे। पार्टी के फैसले के बाद हिमंत को विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुन लिया गया था। निवर्तमान मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने खुद हिमंत के नाम का प्रस्ताव रखा था। इसके बाद सर्बानंद ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। 

Latest Videos

कार्यक्रम में त्रिपुरा के सीएम बिप्लब देब, मेघालय के सीएम कोनराड संगमा, मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह, और नागालैंड के सीएम नीफिउ रियो के अलावा असम के पूर्व सीएम सर्बानंद सोनोवाल भी मौजूद।

कांग्रेस छोड़कर आए थे
हिमंत ने कांग्रेस ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। वे 2001 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर जालुकबरी से चुनाव लड़े और जीते। इसके बाद वे लगातार तीन बार कांग्रेस के टिकट पर इसी सीट से चुनाव जीते। हिमंत 2014 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे। दरअसल, 52 विधायकों को समर्थन होने के बावजूद राहुल गांधी ने उन्हें मुख्यमंत्री पद की दौड़ से बाहर कर दिया था। इसके बाद हिमंत नाराज हो गए थे। 2016 में हिमंत ने भाजपा का जबर्दस्त प्रचार किया था। इसके बाद 15 साल से असम पर काबिज कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई थी। 

यह भी जानें...
भाजपा ने 160 सदस्यीय असम विधानसभा में 60 सीटें जीतकर दुबारा सत्ता हासिल की है। भाजपा के गठबंधन  सहयोगी असम गण परिषद को 9 और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल को 6 सीटें मिलीं। हिमंत ने जालुकबारी सीट से कांग्रेस के रोमेन चंद्र बोरठाकुर को 1,01,911 से हराया था।

गुवाहाटी में हुआ जन्म
1 फरवरी 1969 को हिमंत का जन्म गुवाहाटी के गांधी बस्ती उलूबरी में हुआ। उनके पिता का नाम कैलाश नाथ शर्मा और मां का नाम मृणालिनी देवी है। हिमंत शर्मा ने 1990 में ग्रेजुएशन किया। उन्होंने 1992 में गुवाहाटी से ही पोस्ट ग्रेजुएशन किया। हिमंता बिस्वा शर्मा ने सरकारी लॉ कॉलेज से एलएलबी और गुवाहाटी कॉलेज से पीएचडी की। इसके बाद उन्होंने साल 1996 से 2001 तक गुवाहाटी हाई कोर्ट में लॉ की प्रैक्टिस की। 

कांग्रेस सरकार में तीन बार रहे कैबिनेट मंत्री
हिमंत के कद का पता इसी से चलता है कि वे गोगोई सरकार में हर बार मंत्रिपद पर रहे। उन्होंने सरकार में एग्रिकल्चर, प्लानिंग एंड डेवलपमेंट, फाइनांस, कैबिनेट मिनिस्टर, हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर जैसे मंत्रालय संभाले। 

कैसे बिगड़ी बात
2011 में गोगोई की जीत में हिमंत की बड़ी भूमिका मानी जाती है। लेकिन उन्हें इस बार सरकार में ज्यादा महत्व नहीं दिया गया। यहां तक की उन्होंने कई बार राहुल गांधी से भी बात करने की कोशिश की। लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया। इसके बाद वे भाजपा में शामिल हो गए। कांग्रेस छोड़ने के बाद हिमंत बिस्वा शर्मा ने बताया था कि उन्होंने 8-9 बार राहुल गांधी से बात करने की कोशिश की। लेकिन राहुल ने उन्हें मौका नहीं दिया। वहीं, भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह सिर्फ एक फोन पर मिलने के लिए राजी हो गए। ऐसे में हिमंत ने शाह के घर पर भाजपा में शामिल होने का फैसला किया। 

हिमंत के आने से भाजपा को फायदा मिला
हिमंत के भाजपा में आने से पार्टी को फायदा मिला। 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व में भाजपा ने सरकार बनाई। कांग्रेस सत्ता से बेदखल हो गई। वहीं, 2021 में भी असम में भाजपा के जीतने में हिमंत बिस्वा शर्मा ने अहम भूमिका निभाई। 

 

Guwahati pic.twitter.com/zvDjy2WtlY

 

pic.twitter.com/AKHvKSm5sF

 

Share this article
click me!

Latest Videos

'ये सरकार ने जान बूझकर...' संभल में बवाल पर अखिलेश का सबसे बड़ा दावा, कर देगा हैरान
संभल जामा मस्जिद: क्यों उग्र हो गई भीड़, हालात हुए तनावपूर्ण । Sambhal Jama Masjid Dispute
'मैं आधुनिक अभिमन्यु हूं...' ऐतिहासिक जीत पर क्या बोले देवेंद्र फडणवीस । Maharashtra Election 2024
महाराष्ट्र में महायुति की ऐतिहासिक जीत के साथ महा विकास अघाड़ी को लगा है एक और जबरदस्त झटका
'बसपा अब नहीं लड़ेगी कोई उपचुनाव'BSP Chief Mayawati ने खुद बताई बड़े ऐलान की वजह