हिमंत बिस्वा सरमा का बड़ा आरोप: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को अल्पसंख्यक समुदाय ने किया वोट, यह समाज केवल सांप्रदायिकता में रहता लिप्त

Published : Jun 23, 2024, 03:32 PM ISTUpdated : Jun 23, 2024, 07:07 PM IST
CM Himanta Biswa Sarma

सार

सरमा ने कहा कि बीजेपी सरकार के कराए गए विकास कार्यों की अनदेखी करते हुए अल्पसंख्यक समाज ने कांग्रेस को वोट किया। यह समाज केवल सांप्रदायिकता में लिप्त रहा है।

Himanta Sarma big attack on Minorities: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य के बांग्लादेश मूल के अल्पसंख्यक समुदाय पर सांप्रदायिकता में लिप्त होने का आरोप लगाया है। सरमा ने कहा कि बीजेपी सरकार के कराए गए विकास कार्यों की अनदेखी करते हुए अल्पसंख्यक समाज ने कांग्रेस को वोट किया। यह समाज केवल सांप्रदायिकता में लिप्त रहा है। इसके केंद्र या राज्य के बीजेपी सरकारों के विकास कार्यों से कोई सरोकार नहीं है।

क्या कहा हिमंत बिस्वा सरमा ने?

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा शनिवार को राज्य मुख्यालय पर बीजेपी व अन्य सहयोगी दलों के नवनिर्वाचित सांसदों के अभिनंदन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश मूल के अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों ने इस लोकसभा चुनाव में केंद्र और राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकारों द्वारा उनके लिए किए गए विकास कार्यों पर विचार किए बिना कांग्रेस को भारी वोट दिया। यह असम का एकमात्र समुदाय है जो सांप्रदायिकता में लिप्त है। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन को लगभग 47 प्रतिशत वोट मिले जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगियों को 39 प्रतिशत वोट मिले। भाजपा-एजीपी-यूपीपीएल गठबंधन ने राज्य की 14 लोकसभा सीटों में से 11 पर जीत हासिल की जबकि कांग्रेस ने शेष तीन सीटें जीतीं।

कांग्रेस को केवल मुस्लिम बहुल वाले 21 विधानसभा क्षेत्रों में मिले वोट

सरमा ने दावा किया कि अगर हम कांग्रेस के 39 प्रतिशत वोटों का विश्लेषण करें तो यह पूरे राज्य में नहीं मिला है। इसका पचास प्रतिशत हिस्सा 21 विधानसभा क्षेत्रों में केंद्रित है जो अल्पसंख्यक बहुल हैं। इन अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में भाजपा को 3 प्रतिशत वोट मिले। इससे साबित होता है कि हिंदू सांप्रदायिकता में लिप्त नहीं हैं। अगर असम में कोई सांप्रदायिकता में लिप्त है, तो वह केवल एक समुदाय, एक धर्म है। कोई अन्य धर्म ऐसा नहीं करता।

विकास को दरकिनार कर कांग्रेस को किया वोट

हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में भले ही सड़कें न हों, बिजली न हो, लेकिन वे कांग्रेस को भारी मत देते रहे हैं और फिर से ऐसा ही किया। भाजपा असमिया लोगों और आदिवासियों के लिए काम करती रही है लेकिन इन समुदायों ने भगवा पार्टी को 100 प्रतिशत मत नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि करीमगंज को छोड़कर, अगर हम बांग्लादेशी मूल के लोगों की बहुलता वाले केंद्रों पर विचार करें तो 99 प्रतिशत वोट कांग्रेस को गए हैं। अल्पसंख्यक लोग भले ही मोदी द्वारा दिए गए घरों में रह रहे हों, मोदी द्वारा दी गई बिजली और स्वच्छता सुविधाओं का लाभ उठा रहे हों, लेकिन जब वे वोट देने जाते हैं, तो वे कांग्रेस को वोट देते हैं।

यह भी पढ़ें:

मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET पेपर लीक की जांच अब सीबीआई करेगी, देशव्यापी प्रदर्शनों और संसद सत्र के पहले सरकार का बड़ा निर्णय

PREV

Recommended Stories

हुमायूं कबीर कौन, जिन्होंने बाबरी मस्जिद के लिए इकट्ठा किया करोड़ों का चंदा
Indigo Crisis Day 7: इंडिगो ने दिया ₹827 करोड़ का रिफंड, यात्रियों को लौटाए 4500 बैग