इसरो के 'पुष्पक' का कमाल, रीयूजेबेल लॉन्च व्हेकिल ने अंतरिक्ष में तीसरी बार की सफल लैंडिग, Watch

Published : Jun 23, 2024, 12:51 PM ISTUpdated : Jun 23, 2024, 12:55 PM IST
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सार

इसरो ने अंतरिक्ष में एक और सफलता हासिल की है। इसरो के रीयूजेबल लॉन्च व्हेकिल-03 (RLV LEX-03) पुष्पक ने  तीसरी बार अंतरिक्ष में सफल लैंडिंग की है। बेंगलुरू में यह परीक्षण किया गया था।

नेशनल। इसरो को एक बार अंतरिक्ष में भारत का झंडा लहरा दिया है। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन को अंतरिक्ष में एक और सफलता मिली है। इसरो के रीयूजेबल लॉन्च व्हेकिल-03 पुष्पक की लगातार तीसरी बार अंतरिक्ष में सफल लैंडिंग हुई है। इस सफलता के साथ ही अब इसरो के पुष्पक का आर्बिटल री-एंट्री टेस्ट का रास्ता साफ हो गया है। बेंगलुरु से करीब 200 किमी दूर चित्रदुर्ग जिले के चल्लकेरे में एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में ये टेस्ट किया गया था।

आरएलवी एलईएक्स-03 ने साबित की क्षमता 
अंतरिक्ष में इस सफल लैंडिंग के साथ आरएलवी एलईएक्स-03 ने अपनी क्षमता साबित कर दी है। पुष्पक ने साबित कर दिया कि कठिन परिस्थितियों और तेज हवा के साथ वह लैंडिंग करने में सक्षम है। 4.5 किलोमीटर की ऊंचाई पर ‘पुष्पक’ नाम के इस पंख वाले वाहन को इंडियन एयरफोर्स के चिनूक हेलिकॉप्टर से तैनात किया गया था। पुष्पक स्वायत्त रूप से क्रॉस-रेंज सुधार युद्धाभ्यास के साथ रनवे के पास पहुंचा। रनवे से 4.5 किलोमीटर दूर रिलीज स्थान से रनवे केंद्र रेखा पर एक स्पष्ट क्षैतिज लैंडिंग पूरी की।

 

 

ऐसे कराई गई लैंडिंग
पुष्पक की लैंडिग इंडियन एयरफोर्स के माध्यम से कराई गई थी। पुष्पक को पहले इंडियन एयरफोर्स के चिनूक हेलीकॉप्टर से 4.5 किमी की ऊंचाई तक ले जाया गया और रनवे पर ऑटोनोमस लैंडिंग के लिए छोड़ा गया। इससे पहले प्रशिक्षण में उसे 150 मीटर क्रॉस रेज से छोड़ा गया था। तीसरे प्रयोग के दौरान क्रॉस रेंज बढ़ाकर 500 मीटर कर दी गई है। पुष्पक को इस बार 320 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से छोड़ा गया।

 

 

 

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