यह केवल आपकी कल्पना है...CJI ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट्स पर अडाणी ग्रुप की जांच कर रहे एक्सपर्ट पैनल के असहयोग पर कही बड़ी बात

याचिकाकर्ता के वकील वरुण ठाकुर ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को बताया कि एजेंसियां ​​सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त एक्सपर्ट कमेटी के साथ सहयोग नहीं कर रही हैं।

Hindenburg row on Adani group: हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद एक्सपर्ट पैनल की जांच में एजेंसियों के सहयोग नहीं करने का मामला सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक याचिका पर सुनवाई की जिसमें दावा किया गया था कि एजेंसियां हिंडेनबर्ग विवाद की जांच कर रही विशेषज्ञ कमेटी का सहयोग नहीं कर रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता के दावे को सिरे से खारिज कर दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि यह आपकी केवल कल्पना है। ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है।

याचिकाकर्ता के वकील वरुण ठाकुर ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को बताया कि एजेंसियां ​​सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त एक्सपर्ट कमेटी के साथ सहयोग नहीं कर रही हैं। कमेटी अडाणी ग्रुप के खिलाफ अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों से जुड़ी जांच में रेगुलेटरी एजेंसीज की जांच कर रही है।

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पैनल से जांच की स्थिति के बारे में सीजेआई ने पूछा

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड ने मई महीने में एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि रिपोर्ट ऐसा नहीं कहती है। यह याचिकाकर्ता की कल्पना है। सीजेआई चंद्रचूड ने सेबी से जांच का स्टेटस भी जाना। सेबी की ओर से पेश सरकार के एडवोकेट तुषार मेहता ने बताया कि सेबी के पास अपनी रिपोर्ट देने के लिए 14 अगस्त तक का समय है। उन्होंने बताया कि जांच समय से पूरा हो जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट का पैनल दे चुका है क्लीनचिट

मई में सुप्रीम कोर्ट को दी गई अपनी रिपोर्ट में डोमेन विशेषज्ञों वाली समिति ने कहा था कि अडानी समूह की ओर से कीमतों में कोई हेरफेर नहीं किया गया था। ग्रुप ने रिटेल इन्वेस्टर्स को राहत देने के लिए आवश्यक कदम उठाए थे। पैनल ने कहा था कि समूह द्वारा उठाए गए राहत उपायों से स्टॉक में विश्वास पैदा करने में मदद मिली है और स्टॉक अब स्थिर हैं। अडाणी ग्रुप के शेयरों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) सेबी के नियमों का अनुपालन करते हैं।

कौन-कौन था पैनल में?

सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त पैनल में सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस एएम सप्रे, बॉम्बे हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस जेपी देवधर, भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व अध्यक्ष ओपी भट्ट, आईसीआईसीआई बैंक के पूर्व प्रमुख केवी कामथ, इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि और सेबी विशेषज्ञ सोमशेखर सुंदरेसन शामिल थे।

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