हिंदी बोलनेवाले बेचते हैं पानीपूरी.. तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री ने दिया विवादित बयान

हिंदी भाषा पर तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री पोनमुडी का विवादित बयान चर्चा में है. उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा से नौकरी मिलती तो हिंदी बोलनेवाले पानीपूरी क्यों बेचते. यह बातें उन्होंने भरथिअर विवि के 37वें दीक्षांत समारोह के दौरान कही. 

 

 

rohan salodkar | Published : May 13, 2022 3:17 PM IST

चेन्नईः तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री पोनमुडी (Minister Ponmudi) ने शुक्रवार को हिंदी भाषा को लेकर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हिंदी से नौकरी मिलती तो हिंदी बोलनेवाले यहां पानीपूरी क्यों बेचते. मंत्री ने यह बातें भरी मंच से कहा. मंच से ही उन्होंने जनता से पूछा कि बताओ शहर में पानीपूरी कौन बेच रहा है. राज्यपाल की मौजूदगी में दिया गया यह बयान अब चर्चा में आ गया है. हाल ही में उठे भाषा विवाद (Language Controversy) से भी जोड़कर देखा जा रहा है. वे भरथिअर विश्वविद्यालय के 37वें दीक्षांत समारोह के दौरान बोल रहे थे. इस दौरान राज्यपाल आरएन रवि भी मौजूद थे. 

दीक्षांत समारोह में मौजूद थे मंत्री
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपनी नीति के रूप में दो भाषा फॉर्मूले को जारी रखेगी. उन्होंने हिंदी को थोपने की निंदा की. इसी दरमियान उन्होंने पानीपूरी बेचनेवाले से हिंदी भीषी की तुलना भी कर दी. उनका इशारा हिंदी भाषी श्रमिकों की तरफ था, जो रोजगार के लिए दूसरे शहरों में हैं. मंत्री ने इस दौरान हिंदी लागू ना करने के सत्तारूढ़ द्रमुक के रुख को दोहराया. हालांकि इस बात को राज्यपाल ने यह कहकर खारिज कर दिया कि किसी पर हिंदी या कोई भाषा थोपने का सवाल ही नहीं है. पोनमुडी ने कहा कि उन्होंने भाषा के मुद्दे पर तमिलनाडु की भावनाओं को उजागर करने के लिए मंच का इस्तेमाल किया क्योंकि राज्यपाल इसे केंद्र को बताएंगे. 

Latest Videos

नई शिक्षा नीति पर भी की बात
मंत्री ने इस दौरान द्रविड़ियन मॉडल की तारीफ करते हुए कहा कि समाज ने महिलाओं की शिक्षा पर रोक लगा दी थी. द्रविड़ियन मॉडल ने ऐसा मॉडल बनाया जिसमें सभी के लिए शिक्षा है. छात्राएं आगे निकल रही हैं. सीएम एमके स्टालिन ने शिक्षा नीति बनाने के लिए समीति का गठन किया है. उनकी सिफारिशों के आधार पर नीति तैयार होगी. इसके साथ ही मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार नई शीक्षा नीति मं अच्छी योजनाओं को अपनाने के लिए तैयार है. हिंदी को थोपना नहीं चाहिए. छात्र किसी भी भाषा को तीसरे ऑप्शन के रूप में पसंद कर सकते हैं. तमिलनाडु सरकार पहले ही कह चुकी है कि तमिल और अंग्रेजी को मिलाकर द्विभाषा नीति व्यवहार मं बनी रहेगी. 

Share this article
click me!

Latest Videos

New York में Hanumankind, आदित्य गढ़वी और देवी श्री की जोरदार Performance, PM Modi ने लगाया गले
कहीं आपके घी में तो नहीं है जानवरों की चर्बी, ऐसे करें चेक । Adulteration in Ghee
CM Atishi के पहले ही आदेश पर एलजी ने दिया झटका, आखिर क्यों वापस लौटाई फाइल
सिर्फ 2 किताबें और... 12वीं पास लड़के ने छाप डाले 22000 Cr. । Dinesh Thakkar
सुल्तानपुर डकैती के गुनहगारों का हिसाब कर रही STF, अब तक 11 के खिलाफ हुआ एक्शन