इतिहासकार गुहा ने कहा, राहुल गांधी को जीताकर केरल ने की भयानक गलती, मोदी के सामने टिक नहीं सकते

इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कहा कि पांचवीं पीढ़ी के राहुल गांधी का 'कठोर परिश्रमी और खुद से मुकाम बनाने नरेंद्र मोदी के सामने कोई मुकाबला नहीं है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को चुनकर केरल के लोगों ने भयानक गलती की है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी का सबसे बड़ा फायदा ये है कि वो राहुल गांधी नहीं हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 18, 2020 4:16 AM IST / Updated: Jan 18 2020, 09:48 AM IST

कोझिकोड़ा. देश के जाने-माने इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कोझिकोड में आयोजित केरल लिटरेचर फेस्टिवल में कहा कि, "आपने राहुल गांधी को संसद क्यों भेजा है। कार्यक्रम में मौजूद लोगों से कहा कि आप लोगों ने राहुल गांधी को संसद में क्यों भेजा है?  निजी रूप से मैं राहुल गांधी के खिलाफ नहीं हूं, वे अच्छे इंसान हैं, सभ्य हैं, लेकिन युवा भारत पांचवीं पीढ़ी के वंशज को पसंद नहीं करता है।" रामचंद्र गुहा गांधी परिवार की वंशवाद की परंपरा की ओर इशारा कर रहे थे। 

लोगों ने कर दी भारी गलती 

रामचंद्र गुहा ने कहा कि पांचवीं पीढ़ी के राहुल गांधी का 'कठोर परिश्रमी और खुद से मुकाम बनाने नरेंद्र मोदी के सामने कोई मुकाबला नहीं है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को चुनकर केरल के लोगों ने भयानक गलती की है। रामचंद्र गुहा ने कहा कि कांग्रेस का एक 'महान राजनीतिक दल' से 'दयनीय फैमिली फर्म' बन जाना भारत में हिन्दुत्व के उभार का एक प्रमुख कारण है। 

2024 में न दोहराएं राहुल को चुनने की गलती

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गुहा ने कहा कि अगर मलयालियों ने 2024 में भी राहुल गांधी को फिर से चुनने की गलती तो आप नरेंद्र मोदी को फायदा पहुंचाएंगे। अपनी बात को विस्तार से समझाते हुए रामचंद्र गुहा ने कहा कि नरेंद्र मोदी का सबसे बड़ा फायदा ये है कि वो राहुल गांधी नहीं हैं। 

की मोदी की तारीफ 

कार्यक्रम में उन्होंने कहा, "नरेंद्र मोदी की असली बढ़त यह है कि वह राहुल गांधी नहीं हैं। उन्होंने खुद यह मुकाम हासिल किया है। उन्होंने 15 साल तक राज्य को चलाया है और उनमें प्रशासनिक अनुभव ह। वह उल्लेखनीय रूप से कठिन परिश्रम करते हैं और कभी यूरोप जाने के लिए छुट्टी नहीं लेते। मेरा विश्वास कीजिए, मैं यह सब गंभीरता से कह रहा हूं।" उन्होंने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी पर भी निशाना साधा और "मुगल वंश के आखिरी" दौर से उनकी स्थिति की तुलना की।  

Share this article
click me!