केंद्र और राज्यों में बढ़ेगी टकराहट: बीएसएफ का बंगाल, पंजाब और असम में अधिकार क्षेत्र बढ़ा तो गुजरात में घटाया

बीएसएफ को पहले पंजाब (Punajb), पश्चिम बंगाल (West Bengal) और असम (Assam) में सिर्फ 15 किलोमीटर के दायरे में ही जांच का अधिकार था। अब पचास किलोमीटर का अधिकार क्षेत्र हो जाने से बीएसएफ की शक्तियां बढ़ने से राज्यों के अधिकार क्षेत्र में दखल बढ़ जाएगा। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 13, 2021 4:52 PM IST / Updated: Nov 16 2021, 04:45 PM IST

नई दिल्ली। सीमा पार दुश्मनों से मुकाबला करने के लिए सरकार ने बीएसएफ (BSF) को ढेर सारे शक्तियां दे दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय (Ministry of Home) ने बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाते हुए अब अधिकारियों को गिरफ्तारी, तलाशी और जब्ती का अधिकार दे दिया है। बीएसएफ अपने इस अधिकार का प्रयोग भारत-पाकिस्तान (India-Pakistan) और भारत-बांग्लादेश (India-Bangladesh) के बीच इंटरनेशनल बार्डर्स (International Borders) के 50 किलोमीटर के दायरे में कर सकेगा। मजिस्ट्रेट के आदेश और वॉरंट के बिना भी बीएसएफ इस अधिकार क्षेत्र के अंदर गिरफ्तारी और तलाशी कर सकती है। 

पंजाब में शुरू हुआ विवाद

बीएसएफ के नए अधिकार क्षेत्र पर पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) ने एक बार फिर से ट्विटर पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने सीएम चरणजीत सिंह चन्नी से सवाल किया है कि क्या उन्होंने अनजाने में आधा पंजाब केंद्र को सौंप दिया है। जाखड़ ने कहा है कि अब पंजाब के 50000 वर्ग किलोमीटर के इलाके में से करीब 25000 वर्ग किलोमीटर बीएसएफ के दायरे में होगा। पंजाब पुलिस सिर्फ खड़ी रहेगी। 

 

सीएम चरणजीत ने बताया केंद्र का एकतरफा फैसला

सीएम चन्नी ने भी ट्वीट कर केंद्र के इस फैसले का विरोध किया है। उन्होंने ट्वीट किया, 'मैं भारत सरकार के एकतरफा फैसले की कड़ी निंदा करता हूं, जिसमें अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के साथ-साथ चलने वाले 50 किलोमीटर के दायरे में बीएसएफ को अतिरिक्त शक्तियां देने का फैसला किया गया है। यह संघवाद पर सीधा हमला है।' सीएम चन्नी ने गृह मंत्री अमित शाह से मांग की है कि इस फैसले को तुरंत वापस लिया जाए। 

और बढ़ सकता है राज्यों और केंद्र के बीच टकराहट

हालांकि, बीएसएफ को मिले इस अधिकार से राज्यों और केंद्र के बीच टकराहट बढ़ने के भी आसार हैं। वजह यह कि बीएसएफ को पहले पंजाब (Punajb), पश्चिम बंगाल (West Bengal) और असम (Assam) में सिर्फ 15 किलोमीटर के दायरे में ही जांच का अधिकार था। अब पचास किलोमीटर का अधिकार क्षेत्र हो जाने से बीएसएफ की शक्तियां बढ़ने से राज्यों के अधिकार क्षेत्र में दखल बढ़ जाएगा। 

गुजरात में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में कमी

गृह मंत्रालय के नए आदेश में गुजरात (Gujarat) में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को कम किया गया है। बीएसएफ पहले यहां 80 किलोमीटर के दायरे में था लेकिन उसे पचास कर दिया गया है। जबकि राजस्थान (Rajasthan) में दायरा क्षेत्र पहले की तरह ही 50 किलोमीटर ही है। 

पूर्वोत्तर के पांच राज्यों में कम किया दायरा

पांच पूर्वोत्तर राज्यों मेघालय (Meghalaya), नागालैंड (Nagaland), मिजोरम (Mizoram), त्रिपुरा (Tripura) और मणिपुर (Manipur) के लिए यह दायरा 80 से घटाकर 20 किलोमीटर कर दिया गया है। 

सीमा की सुरक्षा का जिम्मा बीएसएफ को

भारत-पाकिस्तान के बीच 3323 किलोमीटर तो भारत-बांग्लादेश के बीच 4096.7 किलोमीटर की सीमा की सुरक्षा का जिम्मा बीएसएफ को मिला हुआ है। इसके अलावा बीएसएफ के पास छत्तीसगढ़ (Chhatisgarh) और ओडिशा (Odisha) में मौजूद माओवाद पर भी नकेल कसने का जिम्मा है। बीएसएफ के अधिकार सीमा सुरक्षा बल अधिनियम, 1968 की धारा 139 केंद्र को समय-समय पर सीमा बल के संचालन के क्षेत्र और सीमा को अधिसूचित करने का अधिकार देती है।

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