केरल के कन्नूर में संकट: न पेंशन मिल रहा और न ही सरकारी घर का सपना हो है रहा पूरा...

आपने कभी कल्पना की है कि आपका जीवन पेंशन पर चल रहा हो और कई महीनों से पेंशन ही रोक दी गई है। यदि कल्पना नहीं की तो हम आपको कन्नूर की एक घटना बताते हैं, जहां ऐसे ही हालातों ने कई परिवारों के सामने बड़ा संकट खड़ा कर दिया है।

 

Kannur Pension News. देश में हजारों परिवार ऐसे हैं, जिनका जीवन-यापन सिर्फ पेंशन पर ही चलता है। मान लीजिए कि आपको 2 हजार रुपए प्रति महीने की पेंशन मिल रही है और आपका काम चल रहा। किसी महीने अचानक वह पेंशन न मिले तो पूरा महीना डिस्टर्ब हो जाएगा। ऐसा ही कुछ कन्नूर के एक परिवार के साथ हुआ है। यह तब भी होता है जब कोई सरकार वित्तीय संकट में फंस जाती है। ऐसे में पेंशनर्स की जिंदगी भी अधर में लटक जाती है। जानकारी के लिए बता दें कि कन्नूर के चप्पारापाडावु पंचायत के जॉर्ज और उनकी पत्नी अब पड़ोसी की जमीन पर फूस की झोपड़ी में रह रहे हैं क्योंकि जीवन मिशन का पैसा और कल्याण पेंशन महीनों से बंद हो गई है। दोनों के पास 5 एकड़ जमीन पर आधा-अधूरा मकान ही है। दंपत्ति को चिंता है कि उन्हें जल्द ही पड़ोसी की जमीन पर बना मौजूदा शेड खाली करना पड़ेगा।

कन्नूर में बंद हो गई है पेंशन

Latest Videos

कन्नूर के रहने वाले जॉर्ज उन 378 परिवारों में से एक हैं जिनके पास चपरापड़ाव पंचायत में कोई घर नहीं है। जब उनका पुराना घर ढह गया तो उन्होंने लाइफ मिशन योजना के तहत एक घर के लिए आवेदन किया। लाभार्थी सूची में उन्हें सबसे पहले तवज्जो मिली। पुराने घर को ध्वस्त करने के बाद जॉर्ज और उनकी पत्नी एक फूस की झोपड़ी में रहने चले गए। उन्हें उम्मीद थी कि निर्माण पूरा होते ही वह चले जाएंगे। पहली किस्त से मकान का निर्माण शुरू हो गया। बाद में दो बार में 2,80,000 रुपये मिले। लेकिन अंतिम चरण में पैसा मिलना बंद हो गया। इस बीच पड़ोसी ने अपनी जमीन अन्य लोगों को बेच दी जहां दंपति वर्तमान में रह रहे थे।

कैसे होगा जीवन का गुजारा

जॉर्ज और उनकी पत्नी का जीवन सरकार से मिलने वाली कल्याण पेंशन से चलता है और जब उन्हें पेंशन मिलने में देरी हुई तो यह संकट बन गया। छप्परपटाव पंचायत में जो यूडीएफ के शासन में है। वहां करीब 314 बेघर लोग हैं जिनके पास जमीन है। इसके अतिरिक्त 64 लोग ऐसे हैं जिनके पास न तो जमीन है और न ही घर। इनमें से 100 लोगों ने मकान निर्माण के लिए अनुबंध कर लिया है। पंचायत ने खुलासा किया है कि अब तक घर निर्माण के लिए धन ग्राम पंचायत की योजना निधि और राज्य सरकार के हिस्से के संयोजन से प्राप्त किया गया है। हालांकि मुख्य मुद्दा यह है कि जिला पंचायत का हिस्सा नहीं मिला है। ऐसे लोगों के लिए सरकारी योजनाएं बेमानी हो गई हैं।

यह भी पढ़ें

1 जनवरी से बंद हो जाएगा इन लोगों का UPI, जानें क्यों नहीं कर पाएंगे यूज

 

 

Share this article
click me!

Latest Videos

The Order of Mubarak al Kabeer: कुवैत में बजा भारत का डंका, PM मोदी को मिला सबसे बड़ा सम्मान #Shorts
Mahakumbh 2025: महाकुंभ में तैयार हो रही डोम सिटी की पहली झलक आई सामने #Shorts
20वां अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड, कुवैत में 'द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से सम्मानित हुए पीएम मोदी
अब एयरपोर्ट पर लें सस्ती चाय और कॉफी का मजा, राघव चड्ढा ने संसद में उठाया था मुद्दा
बांग्लादेश ने भारत पर लगाया सबसे गंभीर आरोप, मोहम्मद यूनुस सरकार ने पार की सभी हदें । Bangladesh