कैसे पंजाब के युवाओं में जहर घोल रहा खालिस्तान, कनाडा ले जाकर कराता है ये काम

कनाडा में खालिस्तान समर्थक पंजाब के कमजोर युवाओं को नौकरी का लालच देकर उनका वीजा बनवाते हैं। बाद में कनाडा बुलाकर नौकरी की जगह उनका इस्तेमाल अलगाववाद को बढ़ावा देने और भारत विरोधी गतिविधियों को चलाने में किया जाता है।

Ganesh Mishra | Published : Sep 26, 2023 11:20 AM IST / Updated: Sep 27 2023, 05:57 PM IST

Canada-India Row: कनाडा में खालिस्तान समर्थक पंजाब के कमजोर युवाओं को नौकरी का लालच देकर उनका वीजा बनवाते हैं। बाद में कनाडा बुलाकर नौकरी की जगह उनका इस्तेमाल अलगाववाद को बढ़ावा देने और भारत विरोधी गतिविधियों को चलाने में किया जाता है। वहीं, कनाडा की एजेसियां इस मुद्दे पर पूरी तरह चुप्पी साधकर बैठी हैं। इस बात का खुलासा एक रिपोर्ट में हुआ है। 

बहला-फुसलाकर बनवाते हैं VISA

भारतीय खुफिया सूत्रों के मुताबिक, कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्व सबसे पहले पंजाब के जरूरतमंद और गरीब युवाओं का वीजा बनवाते हैं। इसके बाद उन्हें नौकरी का लालच देकर कनाडा बुलवाया जाता है। बाद में खालिस्तान समर्थक नेताओं द्वारा नियंत्रित गुरुद्वारों में धार्मिक काम के साथ ही इन्हें छोटा-मोटा काम देने का लालच दिया जाता है।

खालिस्तान समर्थक गुरुद्वारों में किया जाता है ब्रेनवॉश

बाद में इन युवाओं का इस्तेमाल अलगाववादी आंदोलन में किया जाता है। साथ ही इन युवाओं को भड़का कर कनाडा में भारत विरोधी प्रदर्शन आयोजित करने कट्टरपंथी-धार्मिक सभाओं में भाग लेने के लिए किया जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुरुआत में पंजाब से लाए गए इन जरूरतमंद युवाओं को प्लंबिंग, ट्रक ड्राइविंग जैसे कामों के साथ ही गुरुद्वारों में धार्मिक काम दिए जाते हैं। सरे, ब्रैम्पटन और एडमॉन्टन में खालिस्तानी समर्थकों द्वारा नियंत्रित गुरुद्वारों में युवाओं को सेवादार, पथिक और रागी जैसी धार्मिक भूमिकाएं भी सौंपी जाती हैं।

भारत में धार्मिक आधार पर उत्पीड़न का झूठा दावा

इसके बाद इन युवाओं को कट्टरपंथ और भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए भड़काया जाता है। इतना ही नहीं, पंजाब के इन युवाओं को कनाडा में राजनीतिक शरण दिलाने के लिए भारत में धार्मिक आधार पर उत्पीड़न का झूठा दावा तक किया जाता है। बाद में कनाडा पहुंचकर ये युवा खालिस्तान समर्थक गतिविधियों में लिप्त हो जाते हैं।

भारतीय प्रवासी हिंदुओं को डराने का काम

भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के एक अधिकारी के मुताबिक, मानव तस्करी का ये चैनल कनाडाई एजेंसियों की निगरानी में बड़े पैमाने पर बेरोकटोक चल रहा है। कनाडाई गुरुद्वारों में खालिस्तान समर्थक तत्वों के बढ़ते प्रभाव ने इन युवाओं को कनाडा में रह रहे भारतीय प्रवासी हिंदुओं को डराने और मंदिर को तोड़ने की धमकी देने के लिए प्रोत्साहित किया है।

सिख फॉर जस्टिस युवाओं को बनाता है फुट सोल्जर्स

रिपोर्ट के मुताबिक, पंजाब से कनाडा लाकर खालिस्तान आंदोलन में भर्ती किए गए इन युवाओं को फुट सोल्जर यानी पैदल सैनिक कहा जाता है। बाद में इनका इस्तेमाल सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के नेतृत्व वाले 'खालिस्तान जनमत संग्रह' अभियान के लिए समर्थन जुटाने में किया जाता है। हरदीप सिंह निज्जर, मोनिंदर सिंह बुआल और भगत सिंह बराड़ सहित खालिस्तान समर्थकों ने पंजाब स्थित गैंगस्टरों के साथ संबंध बना रखे हैं और ये आतंकवादी गतिविधियों के लिए पंजाब में अपने गुर्गों के इस्तेमाल न करते हुए उन्हें कनाडा लाने की सुविधा देते हैं।

सबकुछ जानते हुए भी चुप हैं कनाडा की एजेंसियां

बता दें कि कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्वों ने अलगाववादी और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए 'अभिव्यक्ति की आजादी' और 'राजनीतिक वकालत' की आड़ का फायदा उठाया है। 1985 में खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा किया गया कनिष्क बम विस्फोट दुनिया के सबसे बड़े आतंकवादी हमलों में शामिल है। हालांकि, बावजूद इसके कनाडाई एजेंसियों में कथित ढिलाई के कारण इस हमले के साजिशकर्ता सजा से बच गए। बता दें कि कनिष्क विमान हादसे में 329 लोगों की जान चली गई थी।

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