कैश फॉर क्वेरी मामले में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को संसद की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया है। एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट लोकसभा में पास होते ही महुआ मोइत्रा की सांसदी खत्म हो गई।
Cash For Query Case. कैश फॉर क्वेरी मामले में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को संसद की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया है। यह मामला इसी साल अक्टूबर में तब शुरू हुआ जब बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे ने आरोप लगाया कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का काम किया है। इसकी जांच के बाद एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट लोकसभा में पास होते ही महुआ मोइत्रा की सांसदी खत्म हो गई।
कैश फॉर क्वेरी केस की पूरी टाइमलाइन
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मोहुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता क्यों खत्म हुई
शुक्रवार को टीएमसी की महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित किए जाने के साथ कैश-फॉर-क्वेरी की स्टोरी समाप्त हो गई। संसद की एथिक्स कमेटी ने पाया कि 1 जनवरी 2019 से 30 सितंबर 2023 तक महुआ मोइत्रा ने 4 बार दुबई गईं। इस दौरान संसद पोर्टल पर 47 बार दुबई से लॉग इन किया गया। महुआ मोइत्रा से कुल 61 सवाल पूछे गए, इनमें से 50 सवाल दर्शन हीरानंदानी से जुड़े थे। पैनल की रिपोर्ट पर तीखी बहस के बाद संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने अनैतिक आचरण के लिए तृणमूल सदस्य को निष्कासित करने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे ध्वनि मत से पास कर दिया गया। मोइत्रा ने इस कार्यवाही को कंगारू कोर्ट बताया और दावा किया किया कि विपक्ष को दबाने के लिए यह बीजेपी की चाल है।
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