उप्र में कोरोना पॉजिटिविटी रेट 22 से घटकर 2.67% हुआ; जानिए 1.4 लाख टीमें तैनात कर कैसे योगी सरकार ने किया कमाल

राज्य में अब तक 1.6 करोड़ वैक्सीन की डोज लग चुकी हैं। उप्र उन 10 राज्यों में से एक है, जहां 19 करोड़ में से 66.32% डोज लगाई गईं हैं। इसके अलावा उप्र उन राज्यों में भी है, जहां देश के कुल ठीक हुए लोगों में से 74.55% लोग हैं। 

नई दिल्ली. 23 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में 23 अप्रैल से कोरोना केसों में 68% की गिरावट दर्ज की है। राज्य में 23 अप्रैल को सबसे अधिक 2.10 लाख केस थे। गुरुवार को राज्य में कोरोना के 7,336 नए केस सामने आए। यह 30 अप्रैल के बाद एक दिन में सबसे कम केस हैं। वहीं, 20 दिन में एक्टिव केस भी करीब 1.87 लाख कम हुए हैं। पॉजिटिविटी रेट अप्रैल की तुलना में 22% से घटकर 2.67% रह गया है। यह देश में सबसे कम में से एक है। उप्र में रिकवरी रेट 92.5% है। 

राज्य में अब तक 1.6 करोड़ वैक्सीन की डोज लग चुकी हैं। उप्र उन 10 राज्यों में से एक है, जहां 19 करोड़ में से 66.32% डोज लगाई गईं हैं। इसके अलावा उप्र उन राज्यों में भी है, जहां देश के कुल ठीक हुए लोगों में से 74.55% लोग हैं। 

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जानिए कैसे संभव हुआ ये सब?
उप्र में केस कम होने के पीछे राज्य सरकार की रणनीति का अहम योगदान बताया जा रहा है। योगी सरकार ने 'ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट' की रणनीति पर काम किया है। योगी सरकार का मुख्य फोकस ग्रामीण क्षेत्रों के 97,000  गांव पर था। यहां डोर टू डोर स्क्रीनिंग की गई। ग्राम निगरानी समितियों ने ग्रामीण इलाकों में कोरोना की स्थिति पर नजर रखी। 

19 मई के आंकड़ों के मुताबिक, 24 घंटे में राज्य में रिकॉर्ड 2,97,327 टेस्ट किए गए। इनमें से 73% यानी 2.19 लाख टेस्ट ग्रामीण क्षेत्रों में किए गए। गांव में करीब 1 लाख टेस्ट हर रोज किए जा रहे हैं। टीमों ने अभी तक 89,000 गांव का निरीक्षण किया है, इनमें से 28,000 गांव में संक्रमण पाया गया है। 
 
घर घर की जा रही टेस्टिंग
2 सदस्यों की टीम हर रोज गांव के घर घर जाती है। हर लक्षण वाले सदस्य का एंटीजन किट से टेस्ट किया जाता है। जो पॉजिटिव आता है, उसे आइसोलेट किया जाता है, उसे दवा की किट दी जाती है। जो लोग पॉजिटिव के संपर्क में आते हैं, उन्हें क्वारंटीन किया जाता है, और उनके आरटी-पीसीआर टेस्ट कराए जाते हैं।  
 
हर ब्लॉक को मिली हैं दो मोबाइल वैन
जिले के हर ब्लॉक में दो मोबाइल वैन उपलब्ध कराईं गई हैं। ये लक्षण वाले लोगों के टेस्ट करते हैं। इसके अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी टेस्ट किए जा रहे हैं। राज्य सरकार ने 1.4 लाख टीमों को तैनात किया है और उनके ऊपर 21,242 सुपरवाइजर रखे हैं। ये लोग यह नजर रख रहे हैं कि सभी ग्रामीण क्षेत्रों में ये सुविधाएं सुनिश्चित की जा सकें। 

गांवों में जागरूकता फैला रही टीमें
इसके अलावा सरकार ने एक विशेष स्वच्छता अभियान शुरू किया है जिसके तहत निगरानी समितियों के सदस्य स्वच्छता और सामाजिक दूरी के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए गांव पहुंच रहे हैं। इसके साथ ही राज्य के सभी जिलों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है और अफसरों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि बच्चों को ऑक्सीजन समेत अन्य इलाज जल्द से जल्द सुनिश्चित कराया जाए। 

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