डॉक्टर हत्याकांडः बेटी को बचाने के लिए थाने में गिड़गिड़ाता रहा पिता, पुलिस ने कहा था किसी के साथ भाग गई होगी

हैदराबाद में वेटनरी डॉक्टर के साथ हुए सामुहिक बलात्कार की घटना में पुलिस की लापरवाही उजागर हो रही है। बताया जा रहा कि परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने तत्परता दिखाई होती तो डॉक्टर की जान बचा ली गई होती। लेकिन पुलिस ने पिता की गुहार पर बेटी का अपमान किया। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 1, 2019 7:54 AM IST / Updated: Dec 01 2019, 04:20 PM IST

हैदराबाद. महिला वेटनरी डॉक्टर से गैंगरेप के बाद हत्या करने और फिर शव को जला देने के मामले में एक बार फिर पुलिस का शर्मनाक चेहरा सामने आया है। घटना के बाद इस पूरे घटनाक्रम के राज से पर्दा हटता जा रहा है। जिसमें पुलिस की लापरवाही एक बार फिर ठोस तरीके से सामने आ रही है। इस पूरे मामले से पहले मृतका के परिवार वालों को न केवल एक थाने से दूसरे थाने के चक्कर लगाने को मजबूर किया गया। बल्कि डॉक्टर के चरित्र पर सवाल उठा कर उसके पिता को शर्मसार भी किया। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनसे कहा कि उनकी बेटी किसी के साथ भाग गई होगी।

पुलिस ने कहा कि यह मामला उनके क्षेत्र में नहीं आता

मृतका के परिजनों ने बताया कि उन्होंने पुलिस वालों के सामने गुहार लगाई कि वह बेटी को ढूंढने के लिए कम से कम टोल प्लाजा तक तो चलें लेकिन पुलिस वालों ने परिजनों की बात को काफी हल्के में लिया और उन्हें वहां से जाने के लिए कहा। वेटनरी डॉक्टर की बहन ने बताया कि बुधवार रात उसको इस बात का अंदाजा लग गया था कि वह खतरे में है। उसने बहन को फोन भी किया लेकिन कुछ देर बाद ही उसका फोन स्विच ऑफ हो गया। डॉक्टर जब 10:30 तक घर नहीं पहुंची तो बहन ने पिता को फोन किया। बहन और उसके पिता शिकायत लेकर थाने पहुंचे। मृतक की बहन ने आरोप लगाया है जब वह थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे तो उन्हें वहां से शनशाबाद थाने जाने को कहा गया। पुलिस ने कहा कि यह मामला उनके क्षेत्र में नहीं आता। 

पुलिस के सामने गिड़गिड़ाता रहा पिता 

परिजनों ने आरोप लगाया कि इस मामले की शिकायत करने के बाद किसी ने भी उन्हें ढंग से जवाब नहीं दिया। परिजनों ने बताया कि मृतक के पिता पुलिसकर्मियों के सामने गिड़गिड़ाते रहे कि बेटी को ढूंढने के लिए कोई उचित कार्रवाई करें लेकिन पुलिस इसे टालती रही। सुबह 3 बजे तक यही चलता रहा। इसके बाद डॉक्टर को ढूंढने के लिए पिता के साथ दो कांस्टेबल भेजे गए लेकिन उनके हाथ कुछ भी नहीं लगा। परिजनों का आरोप है कि समय रहते पुलिस ने कार्रवाई की होती हो बेटी को सुरक्षित बचाया जा सकता था। गुरुवार सुबह पुलिस ने डॉक्टर के परिवार को फोनकर चेतनपल्ली अंडरपास पर बुलाया जहां उन्हें अपनी बेटी का जला हुआ शरीर मिला। 

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