इंडियन एयरफोर्स में शामिल अफरीद अफरोज ने कहा- 'देश के सम्मान की रक्षा का दायित्व मेरा सौभाग्य'

NDA के बेस्ट कैडेट और प्रेसीडेंट्स मेडल से सम्मानित भारतीय वायुसेना (Indian Air force) के फाइटर पायलट अफरीद अफरोज (Afrid Afroz) के अंदर देशभक्ति कूट-कूट कर भरी है।

Who Is Afrid Afroz. अफरीद अफरोज जिन्होंने दो सप्ताह पहले एनडीए सर्वश्रेष्ठ कैडेट पुरस्कार और राष्ट्रपति का स्वर्ण पदक हासिल किया था, अब वे ऊंची उड़ान भरने के लिए तैयार हैं। भारतीय वायु सेना में उनका करियर शुरू होने जा रहा है। अफरीद हमेशा से फाइटर पायलट बनना चाहते थे। लंबे समय तक देखा गया उनका यह सपना अब पूरा होने जा रहा है।

अफरीद को भारतीय होने पर गर्व है

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अफरीद अफरोज को भारतीय होने पर गर्व है। वह कहते हैं कि एक व्यक्ति अपने देश की जो सबसे बड़ी सेवा कर सकता है, वह है अपने प्राणों की आहुति देकर इसकी सीमाओं की रक्षा करना। मैं खुद को बहुत भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं कि मैं सशस्त्र बलों में शामिल होकर अपने देश के गौरव और सम्मान की रक्षा कर सकूंगा। उन्होंने एनडीए के दौरान ऑस्ट्रियन विमान सुपर डिमोना में अपने बैच के दूसरे साथियों की तरह सात उड़ानें भरीं हैं। उन्हें यह रोमांचकारी लगा। वे कहते हैं कि मैं लड़ाकू विमान उड़ाना चाहता हूं।

23 जून से हैदराबाद में होगी ट्रेनिंग

अफरीद अफरोज हैदराबाद में वायु सेना अकादमी में 23 जून से एक साल का प्रशिक्षण शुरू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। अफरीद न केवल भारतीय वायु सेना में शामिल होने वाले अपने परिवार के पहले व्यक्ति हैं, बल्कि उन्होंने विनम्र रूप से स्वीकार किया कि वह राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज देहरादून के 187वें पाठ्यक्रम से स्नातक होने वाले एकमात्र रिमकोलियन हैं, जिन्होंने भारतीय वायु सेना में जगह बनाई है। अफरीद को नहीं लगता कि यह असाधारण है क्योंकि उनके RIMC बैच के किसी भी साथी ने भारतीय वायु सेना को नहीं चुना।

पहली बार में पास किया एयरफोर्स का मेडिकल टेस्ट

अफरीद खुद को खुशकिस्मत मानते हैं कि उन्होंने पहली बार में ही IAF के लिए मेडिकल टेस्ट पास कर लिया। वे बताते हैं कि भारतीय वायु सेना के लिए मेडिकल स्क्रीनिंग बहुत कठिन है। इसमें शरीर के सात से दस विषम एक्स-रे लिए जाते हैं। आपके पास सही दृष्टि होनी चाहिए। आप कलर ब्लाइंड नहीं हो सकते। दांतों का चेकअप होता है। आपके पास एक निश्चित संख्या में हार्ट बीट होनी चाहिए। आप घुटनों के बल नहीं बैठ सकते। वायु सेना के कैडेटों की बैठने की ऊंचाई एक निश्चित लंबाई से अधिक नहीं हो सकती। अन्यथा वे कॉकपिट के अंदर फिट नहीं हो सकते। इस पूरे मानदंड को पूरा करने के बाद ही मेडिकल फिट घोषित किया जाता है।

एनडीए पास कर चुना है एयरफोर्स

इस साल 30 मई को एनडीए के 144वें कोर्स से पास आउट हुए 365 कैडेट्स में से 116 ने भारतीय वायुसेना को चुना है। सर्वश्रेष्ठ कैडेट पुरस्कार की घोषणा 26 मई को हुई। जैसे ही अफरीद को पता चला कि उसे यह पुरस्कार मिल गया है, उसने अपनी बहन साइमा को फोन किया क्योंकि वही थी जिसने उसे आरआईएमसी में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया था। अफरीद कहते हैं कि राष्ट्रपति का गोल्ड मेडल चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने दिया। यह पूछे जाने पर कि उन्हें राष्ट्रपति के स्वर्ण पदक के लिए क्यों चुना गया तो अफरीद कहते हैं कि मैं पढ़ाई में अच्छा था। वायु सेना और नौसेना कैडेटों की तरह मैंने एनडीए में अपना बी.टेक पूरा किया। हमें यहां अंतिम ग्रेडिंग दी जाती है और मुझे 9 में से 7.5 मिले। मैं पांच शीर्ष कैडेटों में से एक था। मैं पीटी में दूसरे नंबर पर था।

कैसे पहुंचे एनडीए

अफरीद ने जुलाई 2015 में देहरादून में आरआईएमसी में जगह बनाई जहां प्रति राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में केवल एक कैडेट का चयन किया जाता है। अक्टूबर 2020 में एनडीए में प्रवेश पाने के लिए राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा और एक साक्षात्कार को पास किया। अफरीद के पिता का नाम डॉ. मोहम्मद हबीब है। उन्हें हमेशा घर में पढ़ाई का माहौल मिला। वे चार भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। उनसे बड़े भाई इनान इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर हैं, दूसरे भाई अमन आईटी इंडस्ट्री में है।

साभार- आवाज द वॉयस

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