भारतीय वायुसेना की ताकत में जल्द ही इजाफा होने वाला है। इसी क्रम में भारतीय वायुसेना और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के बीच 3 फरवरी को 83 स्वदेशी तेजस विमान के लिए डील होगी। इस डील के तहत भारतीय वायुसेना को 48,000 करोड़ रुपए में 83 तेजस विमान मिलेंगे।
नई दिल्ली. भारतीय वायुसेना की ताकत में जल्द ही इजाफा होने वाला है। इसी क्रम में भारतीय वायुसेना और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के बीच 3 फरवरी को 83 स्वदेशी तेजस विमान के लिए डील होगी। इस डील के तहत भारतीय वायुसेना को 48,000 करोड़ रुपए में 83 तेजस विमान मिलेंगे। इन विमानों में 73 फाइटर विमान और 10 ट्रेनी विमान शामिल हैं। डील साइन होने के 36 महीनों के अंदर वायुसेना को ये विमान मिलेंगे।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने 83 तेजस विमानों की खरीद को मंजूरी दी है। बताया जा रहा है कि इसके तहत खरीदे जाने वाले तेजस विमान मिग 21 फाइटर जेट की जगह लेंगे।
स्वदेशी विमान है तेजस
एलसीए तेजस पूरी तरह स्वदेशी विमान है। इसका नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दिया था। तेजस राफेल की तरह सिंगल सीटर विमान है। जबकि ट्रेनी विमान 2 सीटर है।
तेजस हवा से हवा और हवा से जमीन पर मिसाइल दागने में सक्षम है। वहीं, इसमें एंटीशिप मिसाइल, बम और रॉकेट भी लगाए जा सकते हैं। तेजस एक बार में 54 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। इसमें इजरायल का मल्टी मोड रडार सिस्टम लगा है। यह दुश्मन को आसानी से चकमा भी दे सकता है। तेजस की स्पीड 2222 किमी प्रति घंटा है। यह 13500 किलोग्राम वजन ले जा सकता है।
ये मिसाइलें हो सकती हैं तैनात
तेजस में 6 तरह की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें तैनात की जा सकती हैं। इसमें डर्बी, पाइथन-5, आर-73, अस्त्र, असराम, मेटियोर, 2 तरह की हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें ब्रह्मोस एनजी और एंटी रेडिएशन मिसाइल और ब्रह्मोस-एनटी शिप मिसाइल तैनात की जा सकती हैं।