केरल, हिमाचल से लेकर दिल्ली तक में लोग बारिश और तूफान के कहर से परेशान हैं। ऐसे में IMD ने अगस्त-सितंबर महीने में और भी तेज बारिश के साथ कुदरत के कहर की संभावना जताई है।
नेशनल डेस्क। केरल और हिमाचल के साथ दिल्ली में भी बारिश ने लोगों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। केरल में भूस्खलन और हिमाचल में बादल फटने से कई मौतों के साथ सैकड़ों लोग लापता हैं। इन सब के बीच मौसम विभाग की ओर से एक और बुरी खबर सामने आ रही है। विभाग ने चेतावनी जारी की है कि अगस्त और सितंबर माह में अभी और भयंकर बारिश और तूफान आने के आसार हैं। आईएमडी ने ला नीना के कारण सामान्य से अधिक वर्षा होने की चेतावनी दी है।
ला नीना के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में हो सकता है भूस्खलन
मौसम विभाग का अनुमान है कि इस महीने के अंत तक ला नीना स्थितियां बनने के साथ मानसून में अभी और अधिक वर्षा होने की संभावना है। जबकि अगस्त के महीने में रुक-रुककर बादल बरसने के आसार हैं। हालांकि इससे खरीफ की बुआई और फसल वृद्धि के लिए इन दोनों महीनों में होने वाली कुल बारिश पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। सितंबर में ला नीना के कारण तेज बारिश से शहरी इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति, निचले इलाकों की बस्तियों में बाढ़ के साथ पहाड़ी इलाकों में दोबारा भूस्खलन जैसी घटनाएं होने की संभावना है।
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क्या है ला नीना
ला नीना मध्य और पूर्वी भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में ठंडे समुद्री तापमान की विशेषता वाली एक चक्रीय घटना है। यह सामान्यत: मानसूनी वर्षा के लिए अच्छा संकेत माना जाता है। मौसम विभाग की माने तो इसके बाद भी कुछ इलाकों में अधिक तो कुछ जगह अपेक्षा से कम बारिश होने की संभावना है। यूपी के जिलों में इस बार अनुमान से कम बारिश हुई है। वहीं लद्दाख सौराष्ट्र और कच्छ को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में अच्छी बारिश के संकेत दिखाई दे रहे हैं।
जून में बारिश में 11 फीसदी गिरावट, फिर भी सिंचाई भरपूर
मौसम विभाग के जानकारों की माने तो जून में इसबार बारिश में 11% की कमी देखी गई, इसके बाद भी सिंचाई और खेती के लिए भूजल में कमी नहीं आई। जुलाई में बारिश 9% अधिक हुई जिससे किसानों को लाभ मिला।