
Immigration and Foreigners Bill 2025: केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा (Lok Sabha) में Immigration and Foreigners Bill 2025 पेश किया। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Nityanand Rai) ने इसे सदन में पेश किया। यह बिल भारत के इमिग्रेशन (Immigration) कानूनों को आधुनिक बनाने और कंसॉलिडेट करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यह बिल भारत में प्रवेश (Entry) और निकास (Exit) से जुड़े नियमों को स्पष्ट करने वीजा (Visa) और रजिस्ट्रेशन (Registration) प्रक्रिया को नियमित करने और विदेशी नागरिकों से जुड़े अन्य मामलों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार को विशेष अधिकार प्रदान करता है।
बिल पेश करते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि मैं अमित शाह (Amit Shah) की ओर से यह प्रस्ताव रखता हूं कि भारत में प्रवेश और निकास के लिए पासपोर्ट (Passport) या अन्य ट्रैवल डॉक्युमेंट्स (Travel Documents) की आवश्यकता को नियमित किया जाए। साथ ही, विदेशियों के वीजा और रजिस्ट्रेशन सहित अन्य संबंधित मामलों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार को आवश्यक शक्तियां प्रदान की जाएं।
बिल के लोकसभा में पेश होते ही कांग्रेस (Congress) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने कड़ा विरोध जताया। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी (Manish Tewari) ने इसे संविधान के मौलिक अधिकारों (Fundamental Rights) का उल्लंघन करार दिया। उन्होंने कहा कि लोकसभा के नियम 72(2) के तहत, मैं इस बिल का विरोध करता हूं। यह बिल न केवल असंवैधानिक है बल्कि मौलिक अधिकारों का कई स्तरों पर हनन करता है। यह नियम 72(1) के तहत विधायी अक्षमता का भी उल्लंघन करता है।
तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद सौगत रॉय (Sougata Roy) ने भी इस बिल का विरोध करते हुए कहा, Immigration और Foreigners से जुड़े पहले से ही चार कानून (Laws) देश में मौजूद हैं। ऐसे में इस नए कानून की क्या जरूरत है? यह सरकार की दमनकारी नीतियों को दर्शाता है।
संसद का बजट सत्र (Budget Session) का दूसरा चरण सोमवार से शुरू हुआ है और यह 4 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान कई महत्वपूर्ण बिलों पर चर्चा होगी, जिनमें Immigration and Foreigners Bill 2025 भी शामिल है। विपक्ष के कड़े विरोध के बावजूद सरकार इस बिल को पास कराने की कोशिश करेगी।