किसान आंदोलन और 5 राज्यों में इलेक्शन की 'टेंशन' के बीच मोदी ने टीम से कहा-हमें जनता से अलग नहीं होना है

पिछले तीन महीने से चले आ रहे किसान आंदोलन का असर बंगाल और केरल सहित 5 राज्यों में होने जा रहे विधानसभा पर कितना असर डालेगा, यह तो समय बताएगा, लेकिन इस 'टेंशन' से निपटने भाजपा अपनी तैयारी कर रही है। इन्हीं मुद्दों के बीच 21 फरवरी को भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की एक अहम मीटिंग हुई। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया।

Asianet News Hindi | Published : Feb 21, 2021 3:34 AM IST / Updated: Feb 21 2021, 04:16 PM IST

नई दिल्ली.  केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले तीन महीने से किसान आंदोलित हैं। सबसे अधिक असर पंजाब और हरियाणा में देखा जा रहा है। पिछले दिनों पंजाब में हुए निकाय चुनाव में भाजपा को बुरी तरह शिकस्त खानी पड़ी। इसके पीछे किसान आंदोलन माना जा रहा है। वहीं, कुछ महीने बाद पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसी मुद्दों के बीच 21 फरवरी को भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की एक अहम मीटिंग हुई। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया।

बैठक की अध्यक्षता जेपी नड्डा ने की। बैठक की शुरुआत मोदी के भाषण से हुई। बीजेपी महासचिव अरुण सिंह ने बताया कि बैठक में कृष कानूनों पर चर्चा हुई। इस मौके पर मोदी ने कहा कि सरकार होने का यह मतलब नहीं होना चाहिए कि हम जनता से अलग हो जाएं। हमें जनता के मुद्दों पर उनके बीच जाना होगा। सरकारी योजनाओं की जानकारी उन तक पहुंचानी होगी।

चुनाव पर फोकस
बैठक से पहले शनिवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा राष्ट्रीय महासचिवों और राज्यों के संगठन महामंत्रियों के साथ अहम बैठक की थी।  इसमें 5 राज्यों में आने वाले विधानसभा चुनाव पर चर्चा की गई। इधर, कोरोना महामारी के बीच राष्ट्रीय कार्यकारिणी की यह पहली बैठक है।  बैठक सुबह 10 से शाम 5 बजे तक दिल्ली के एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में चलेगी। इसमें सभी राज्यों के अध्यक्ष, प्रदेश प्रभारी, सह प्रभारी और प्रदेश महामंत्री(संगठन) शामिल हुए हैं। नड्ढा पिछले साल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे।

 

 

 

 

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