कासगंज में सिपाही की बेरहमी से हत्या करने वाला 1 लाख का इनामी शराब माफिया एनकाउंटर में ढेर

उत्तर प्रदेश के कासगंज में 9 फरवरी को शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने पहुंचे पुलिसवालों पर हमला करने वाले मुख्य आरोपी मोती धीमर को रविवार तड़के एनकाउंटर में मार गिराया। उस पर एक लाख रुपए का इनाम था। हमल में घायल एक सिपाही की मौत हो गई थी। इससे पहले पुलिस ने मोती के भाई का भी एनकाउंटर कर दिया था।

Asianet News Hindi | Published : Feb 21, 2021 3:00 AM IST / Updated: Feb 21 2021, 08:40 AM IST

कासगंज, यूपी. पुलिस ने बिकरू कांड पार्ट-2 के मुख्य आरोपी एक लाख रुपए के इनामी मोती धीमर को रविवार तड़के एनकाउंटर में मार गिराया। बता दें कि 9 फरवरी को शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने पहुंची पुलिस पार्टी पर आरोपियों ने जानलेवा हमला किया था। इसमें एक सिपाही की मौत हो गई थी। पुलिस ने एनकाउंटर में मारे गए मोती धीमर के पास से दरोगा की लूटी गई पिस्टल भी बरामद कर ली है।

यह है पूरा मामला...
कासगंज पुलिस के दरोगा अशोक पाल साथी सिपाही देवेंद्र के साथ 9 फरवरी को शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने निकले थे। पुलिस को सूचना मिली थी कि थाना सिढ़पुरा के नगला धीमर गांव में अवैध शराब का कारोबार हो रहा है। वे नोटिस चिपकाने कसला गांव गए थे। लेकिन पुलिस की दबिश की खबर बदमाशों को पहले ही लग चुकी थी। जब पुलिस वहां पहुंची, तभी मोती धीमर ने अपने भाइयों के साथ पुलिस पार्टी पर हमला कर दिया था। आरोपियों ने पुलिसवालों के कपड़े उतारकर बेरहमी से पीटा था।


आरोपियों ने बर्बरता की सारी हदें पार करते हुए पुलिसवालों को लाठियों और लोहे के भालों से बुरी तरह मारा। इसके बाद दोनों को फेंककर भाग गए थे। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस दोनों घायल पुलिसवालों को लेकर हास्पिटल पहुंची। लेकिन ट्रीटमेंट के दौरान सिपाही देंवेंद्र को नहीं बचाया जा सका। दरोगा अशोक पाल का अलीगढ़ में अभी इलाज चल रहा है।

(अस्पताल में मारे गए बदमाश का चेकअप करते डॉक्टर)

12 टीमें तलाश रही थीं आरोपी को
घटना के बाद STF की पांच टीमों सहित पुलिस और SOG की कुल 12 टीमें आरोपियों को पकड़ने लगाई गई थीं। मुख्यमंत्री योगी और डीजीपी एचसी अवस्थी खुद मामले की मॉनिटरिंग कर रहे थे। इस मामले में घटना की सुबह ही मुख्य आरोपी मोती के चचेरे भाई एलकार को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था। उसके मौसेरे भाई को जेल भेज दिया था। इस मामले में आरोपी की मां भी जेल में है। वहीं, घटना के 8वें दिन दो अन्य आरोपी भी पकड़ लिए गए थे।

इस मामले में लापरवाही बरतने पर सीओ पटियाली गवेंद्र पाल गौतम को डीजीपी मुख्यालय में अटैच कर दिया गया था। इस मामले के 2 आरोपी अभी फरार हैं। एसपी मनोज सोनकर ने कहा कि फरार आरोपियों को जल्द पकड़ लिया जाएगा।

आतंक का पर्याय था मोती धीमर
मोती कुख्यात हिस्ट्रीशीटर था। उसे लोग कटरी किंग कहते थे। इससे पहले पुलिस ने उसके चचेरे भाई एलकार का एनकाउंटर 10 फरवरी को सुबह तड़के तीन बजे काली नदी के किनारे किया गया था। पुलिस इस केस में मोती की मां सियारानी, नवाब और गुड्डू को पहले ही पकड़कर जेल भेज चुकी है।

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