स्वदेशी से भारत छोड़ो तक, इन 10 बड़े आंदोलनों ने आजादी दिलाने में निभाई भूमिका

अंग्रेजों की गुलामी से आजादी पाने के लिए भारत के वीर सपूतों को लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ा। इस दौरान स्वदेशी से लेकर भारत छोड़ो तक कई बड़े आंदोलन हुए।

 

नई दिल्ली। 15 अगस्त 1947 को भारत को ब्रिटिश गुलामी से आजादी मिली थी। स्वतंत्रता के लिए भारत के वीर सपूतों ने लंबे समय तक संघर्ष किया था। 1857 में सिपाही विद्रोह से आजादी की लड़ाई की बड़ी शुरुआत हुई। इसके बाद कई आंदोलन हुए। यहां हम आपके लिए 10 बड़े आंदोलनों के बारे में जानकारी लेकर आए हैं।

1- सिपाही विद्रोह

Latest Videos

1857 में अंग्रेज सरकार के लिए काम करने वाले भारतीय सिपाहियों ने विद्रोह कर दिया था। यह भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम था। उस समय भारत पर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का कंट्रोल था।

2- स्वदेशी आंदोलन

स्वदेशी आंदोलन में लोगों से ब्रिटेन में बने सामानों की जगह भारत में तैयार किए गए प्रोडक्ट खरीदने का आह्वान किया गया था। इसने भारतीय राष्ट्रवाद की भावना को जगाया। इसे दादाभाई नौरोजी, गोपाल कृष्ण गोखले और बाल गंगाधर तिलक जैसे स्वतंत्रता सेनानियों ने जन-जन तक पहुंचाया। इस दौरान ब्रिटिश उत्पादों का बहिष्कार किया गया।

3. सत्याग्रह आंदोलन

महात्मा गांधी ने पहला सत्याग्रह आंदोलन 1917 में बिहार के चंपारण में शुरू किया था। उन्होंने विरोध के लिए अहिंसक तरीका अपनाया था। इसमें सविनय अवज्ञा, उपवास, हड़ताल, असहयोग और हिजरत (स्वैच्छिक निर्वासन) जैसे तरीके अपनाए गए थे।

4. खिलाफत आंदोलन

खिलाफत आंदोलन 1919-1922 तक चला था। इसमें भारत में ब्रिटिश नियंत्रण को चुनौती दी गई थी। अंग्रेजों ने तुर्की में खलीफा को गद्दी से उतारा था। इससे भारतीय मुसलमान खुश नहीं थे। आंदोलन के दौरान मुस्लिम लीग और कांग्रेस का विलय हुआ था। दोनों पार्टियों ने मिलकर कई राजनीतिक प्रदर्शन किए।

5. असहयोग आंदोलन

महात्मा गांधी ने जनवरी 1920 में असहयोग आंदोलन शुरू किया था। यह फरवरी 1922 में समाप्त हुआ। इस दौरान हजारों छात्रों ने सरकारी स्कूल और कॉलेज छोड़ दिए। बंगाल में छात्रों का बहिष्कार सबसे सफल रहा। पंजाब में इसका नेतृत्व लाला लाजपत राय ने किया। मोतीलाल नेहरू, सी.आर. दास, जवाहरलाल नेहरू, सी. राजा गोपालाचारी, वल्लभभाई पटेल, सैफुद्दीन किचलू, आसफ अली, राजेंद्र प्रसाद और टी. प्रकाशम जैसे कई प्रसिद्ध वकीलों ने वकालत छोड़ दी।

6. होम रूल आंदोलन

होम रूल आंदोलन बाल गंगाधर तिलक और एनी बेसेंट ने 1916 में शुरू किया था। इस आंदोलन का लक्ष्य ब्रिटिश सरकार के हस्तक्षेप के बिना स्वशासन प्राप्त करना था। पुणे और मद्रास में आंदोलन की शुरुआत हुई थी।

7. रॉलेट एक्ट के खिलाफ विरोध

आजादी की लड़ाई लड़ रहे क्रांतिकारियों को कुचलने के लिए अंग्रेज सरकार रॉलेट एक्ट लेकर आई थी। इसके अनुसार किसी भी व्यक्ति को मामूली संदेह के आधार पर गिरफ्तार किया जा सकता था। अधिनियम 1919 में लागू हुआ। इसके खिलाफ पंजाब के जलियांवाला बाग में लोग एकत्र हुए। अंग्रेस सरकार ने उनका नरसंहार कर दिया। इसके बाद आजादी की लड़ाई और तेज हो गई थी।

8. सविनय अवज्ञा आंदोलन

महात्मा गांधी ने 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू किया था। अंग्रेजों ने नमक पर टैक्स लगाया था। इसके खिलाफ महात्मा गांधी ने दांडी मार्च किया था। यह आंदोलन पूरे देश में फैल गया था। महात्मा गांधी सहित 60,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

9. अगस्त प्रस्ताव और व्यक्तिगत सत्याग्रह

1939 में दूसरा विश्व युद्ध शुरू हुआ था। अंग्रेजों को लड़ाई के लिए भारतीय सैनिकों की जरूरत थी। ब्रिटिश सरकार ने 1940 में अगस्त प्रस्ताव रखा। इसमें युद्ध समाप्त होने के बाद भारत के लिए एक नया संविधान बनाने का वादा किया गया था। महात्मा गांधी इस प्रस्ताव से संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने सत्याग्रह शुरू कर दिया था। एक साल से ज्यादा समय तक चले इस सत्याग्रह ने अंग्रेजों को भी काफी दबाव में डाल दिया था।

यह भी पढ़ें- Independence Day: आजादी के संघर्ष में देश कभी नहीं भूलेगा इन 15 लोगों का योगदान

10. भारत छोड़ो आंदोलन

महात्मा गांधी ने अगस्त 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया था। सभी भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ पूर्ण विद्रोह की घोषणा की थी। उन्हें किसी भी कीमत पर अंग्रेजों का भारत में रहना मंजूर नहीं था। इस आंदोलन ने ब्रिटिश शासकों को भारत छोड़ने के बारे में सोचने पर मजबूर किया था।

यह भी पढ़ें- Independence Day 2024: भारत के स्वतंत्रता संग्राम को लेकर जानिए 20 खास FACT

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

Mahakumbh 2025: महाकुंभ में तैयार हो रही डोम सिटी की पहली झलक आई सामने #Shorts
सचिन तेंदुलकर ने बॉलिंग करती लड़की का वीडियो शेयर किया, बताया भविष्य का जहीर खान #shorts
कौन है 12 साल की सुशीला, सचिन तेंदुलकर ने बताया भविष्य का जहीर खान, मंत्री भी कर रहे सलाम
जयपुर अग्निकांड: एक दिन बाद भी नहीं थमा मौत का सिलसिला, मुर्दाघर में लग रही भीड़
The Order of Mubarak al Kabeer: कुवैत में बजा भारत का डंका, PM मोदी को मिला सबसे बड़ा सम्मान #Shorts