Independence Day: 1947 में भारत को नहीं मिली थी पूरी आजादी, जानें क्यों

15 अगस्त 1947 को भारत को पूरी आजादी नहीं मिली थी। भारत को डोमिनियन स्टेट का दर्जा मिला था। 1950 में भारत गणतंत्र बना और पूरी तरह आजाद हुआ।

Vivek Kumar | Published : Aug 15, 2024 9:05 AM IST / Updated: Aug 15 2024, 02:38 PM IST

नई दिल्ली। 15 अगस्त 1947 को भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी। इसी की याद में हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2024) मनाया जाता है। हालांकि एक सच्चाई यह भी है कि वास्तव में भारत को 15 अगस्त 1947 को पूर्ण स्वतंत्रता नहीं मिली थी। जैसा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का लक्ष्य था।

पूरी आजादी की जगह पर भारत को डोमिनियन का दर्जा मिला था। इसका अर्थ एक स्वतंत्र देश नहीं था, जैसा कि अधिकांश लोग मानते हैं कि भारत 1947 में आजाद देश बन गया था। इसकी जगह भारत एक स्वशासी इकाई बना था। यह कई मायनों में ब्रिटिश नियंत्रण में था।

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कांग्रेस डोमिनियन दर्जे के खिलाफ थी, फिर भी उसने इसे स्वीकार कर लिया था। क्योंकि इससे बाद में पूरी आजादी मिलती। डोमिनियन दर्जे से पहली सरकार को जो सीधे तौर पर निर्वाचित नहीं थी ब्रिटिश कानूनों की मदद से समाज और अर्थव्यवस्था पर नियंत्रण पाने में मदद मिलती। इससे सरकार को अधिक शक्ति मिली थी।

क्या था डोमिनियन दर्जे का मतलब?

1947 में ब्रिटिश संसद में भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम पारित किया गया। इस अधिनियम ने दो नए स्वतंत्र उपनिवेश बनाए पहला भारत और दूसरा पाकिस्तान। पाकिस्तान को पाकिस्तान और पूर्वी पाकिस्तान में बांटा गया। पूर्वी पाकिस्तान 1971 में बांग्लादेश बना।

बंगाल और पंजाब प्रांतों को दो नए देशों के बीच बांटा गया था। मुस्लिम, हिंदू और सिख आबादी को अलग किया गया था। विभाजन के चलते लाखों लोगों ने पलायन किया। इस अधिनियम ने ब्रिटिश राज के लिए 'भारत के सम्राट' की उपाधि के प्रयोग को खत्म किया। रियासतों के साथ सभी मौजूदा संधियां भी समाप्त हुईं। लॉर्ड माउंटबेटन गवर्नर-जनरल बने रहे। जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री नियुक्त किए गए। मुहम्मद अली जिन्ना पाकिस्तान के गवर्नर-जनरल और लियाकत अली खान प्रधानमंत्री बने।

प्रधानमंत्री बनने के बाद भी जवाहरलाल नेहरू ने ब्रिटिश वायसराय की इच्छानुसार काम किया। जॉर्ज VI ने भारत के सम्राट की उपाधि त्याग दी। वे भारत के राजा बन गए। ब्रिटिश अधिकारी भारत की सेना, नौसेना और वायु सेना के साथ-साथ न्यायपालिका का नेतृत्व करते रहे। अपील की सर्वोच्च अदालत प्रिवी काउंसिल बनी रही। यह ब्रिटिश राजा के सलाहकारों का एक औपचारिक निकाय था। 15 अगस्त 1947 को यूनियन जैक भी नहीं उतारा गया। 15 अगस्त 1947 को भारत ब्रिटिश राष्ट्रमंडल में एक स्वतंत्र राज्य बना था।

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क्या था ब्रिटिश राष्ट्रमंडल?

19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत तक, ब्रिटिश साम्राज्य के कई उपनिवेशों ने कुछ हद तक स्वायत्तता हासिल करना शुरू कर दिया था। 1867 में कनाडा पहला उपनिवेश था जो स्वशासित राज्य बना। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और आयरिश स्वतंत्र राज्य बने। इन देशों को राष्ट्रमंडल राष्ट्र नाम दिया गया। 1931 में ब्रिटिश राष्ट्रमंडल का गठन किया गया। इसमें वे देश शामिल थे जो ब्रिटिश ताज को अपने औपचारिक राष्ट्राध्यक्ष के रूप में मान्यता देते थे। भारत की डोमिनेशन स्टेटस 1950 तक रही। इसके बाद भारत एक गणतंत्र बन गया और राष्ट्रपति राज्य का प्रमुख बना।

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