निर्भया कांड हो या कठुआ कांड, हर बार बेटियों को न्याय के लिए मुखर आवाज उठती है। देश ही नहीं दुनिया के तमाम संगठन, महिलाओं के खिलाफ रेप जैसी हिंसा को लेकर चिंतित दिखती है लेकिन आंकड़ों पर गौर करें तो दुनिया के अधिकतर देशों में कंविक्शन रेट यानी अपराधियों को सजा की दर बेहद कम है।
भारत: एनसीआरबी के आंकड़ों पर अगर गौर करें तो देश में हर दिन 86 रेप केस सामने आते हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, 2021 में बलात्कार मामलों में दोषसिद्धि दर लगभग 32.2% थी। यानी कोर्ट तक जो मामले पहुंच जाते हैं, उनमें से एक तिहाई से भी कम मामलों में अपराधियों को सजा हो पाती है। माना जाता है कि आरोपियों को सजा दिलाने में नाकामी के पीछे लंबी कानूनी प्रक्रिया, पुलिसिया जांच में कई प्रकार की कमियां, सामाजिक कलंक और पीड़िता व उसके परिवार का केस में आगे बढ़ने में तमाम बाधाएं कंविक्शन में बाधक होती।