चीन का घमंड तोड़ेगा भारत, PM मोदी ने 7300 करोड़ की योजना को दी मंजूरी

Published : Nov 27, 2025, 12:46 PM IST
चीन का घमंड तोड़ेगा भारत, PM मोदी ने 7300 करोड़ की योजना को दी मंजूरी

सार

केंद्र सरकार ने रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट (REPM) के घरेलू उत्पादन हेतु ₹7,280 करोड़ की योजना को मंजूरी दी है। इसका लक्ष्य चीन पर निर्भरता घटाकर सालाना 6,000 टन उत्पादन करना है, जिससे आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा।

नई दिल्ली: रेयर अर्थ सेक्टर में चीन के दबदबे को रोकने के लिए एक बड़े कदम के तहत, केंद्र सरकार ने बुधवार को सिंटर्ड रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट (REPM) के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 7,280 करोड़ रुपये की योजना की घोषणा की। सात साल की इस योजना का लक्ष्य हर साल 6,000 टन REPM का देश में ही उत्पादन करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गई। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह योजना रेयर अर्थ ऑक्साइड को धातुओं में, धातुओं को मिश्र धातुओं में और मिश्र धातुओं को तैयार REPM में बदलने के लिए इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग सुविधाएं बनाने में मदद करेगी।

इलेक्ट्रिक गाड़ियों, रिन्यूएबल एनर्जी, इंडस्ट्री और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में तेजी से बढ़ती मांग के कारण, 2025 से 2030 तक भारत में REPM की खपत दोगुनी होने की उम्मीद है। फिलहाल, भारत में REPM की मांग मुख्य रूप से आयात के जरिए पूरी की जाती है। मंत्रालय ने साफ किया कि इस पहल के जरिए भारत अपनी पहली इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग सुविधाएं स्थापित करेगा। इससे रोजगार के मौके बनेंगे, आत्मनिर्भरता मजबूत होगी और 2070 तक नेट-जीरो हासिल करने की देश की प्रतिबद्धता को भी बढ़ावा मिलेगा। मंत्रालय ने बयान में कहा कि प्रतिस्पर्धी नीलामी प्रक्रिया के जरिए पांच लाभार्थियों को कुल क्षमता आवंटित की जाएगी। हर लाभार्थी को 1,200 मीट्रिक टन तक की क्षमता दी जाएगी।

कैबिनेट बैठक के बाद सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पत्रकारों से कहा कि इसका लक्ष्य हर साल 6,000 MTPA (मीट्रिक टन) क्षमता बनाना है। भारत का यह कदम तब आया है जब चीन ने हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आयात शुल्कों का मुकाबला करने के लिए इस क्षेत्र में अपना दबदba बढ़ाया था। चीन दुनिया के 90 प्रतिशत से ज़्यादा रेयर अर्थ खनिजों का उत्पादन करता है और प्रमुख अमेरिकी कंपनियों का मुख्य सप्लायर भी है।

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