अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर जर्मनी ने दिया बयान, राजनयिक को तलब भारत ने कहा- हस्तक्षेप नहीं मंजूर

Published : Mar 23, 2024, 05:02 PM ISTUpdated : Mar 23, 2024, 05:03 PM IST
German Deputy Chief of Mission summoned

सार

अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर बयान देने पर भारत ने जर्मनी के राजनयिक को तलब किया है। भारत ने जर्मनी के बयान की निंदा की है।

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर जर्मनी की ओर से बयान दिया गया है। इसके चलते भारत सरकार ने जर्मनी को कड़ा जवाब दिया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को जर्मन दूतावास के एक सीनियर राजनयिक को तलब किया। उनसे कहा गया कि जर्मनी ने भारत के आंतरिक मामले में 'घोर हस्तक्षेप' किया है। यह मंजूर नहीं है।

जर्मनी के विदेश मामलों के प्रवक्ता ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर बयान दिया था। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि केजरीवाल के मामले में "न्यायपालिका की स्वतंत्रता और बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांतों से संबंधित मानक" लागू किए जाएंगे। प्रवक्ता ने कहा था कि आरोपों का सामना करने वाले किसी भी व्यक्ति की तरह केजरीवाल निष्पक्ष सुनवाई के हकदार हैं।

 

 

जर्मन विदेश मंत्रालय के बयान पर भारत ने जर्मन दूतावास के मिशन के उप प्रमुख जॉर्ज एनजवीलर को तलब किया। भारत की ओर से एनजवीलर से कहा गया कि जर्मनी ने हमारी न्यायिक प्रक्रिया में "हस्तक्षेप" किया है। हम इसके लिए "कड़ा विरोध" दर्ज कराते हैं।

 

 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने X एक पोस्ट किया, "आज नई दिल्ली में जर्मन मिशन के उप प्रमुख को बुलाया गया। उन्हें हमारे आंतरिक मामलों पर उनके विदेश मंत्रालय द्वारा दिए गए बयानों पर भारत के कड़े विरोध से अवगत कराया। हम ऐसे बयान को अपनी न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कमजोर करने के रूप में देखते हैं। भारत में कानून का शासन है। यहां जीवंत और मजबूत लोकतंत्र है। मामले में कानून अपना काम करेगा। इस संबंध में की गई पक्षपातपूर्ण बातें अनुचित हैं।"

दिल्ली शराब नीति मामले में हुई है केजरीवाल की गिरफ्तारी

बता दें कि केजरीवाल की गिरफ्तारी दिल्ली शराब नीति मामले में ईडी द्वारा की गई है। ईडी ने पूछताछ के लिए केजरीवाल को कई बार समन भेजा था, लेकिन वह पेश नहीं हुए। ईडी मामले को लेकर कोर्ट गई थी। कोर्ट से केजरीवाल को राहत नहीं मिली थी।

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वित्त वर्ष 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार ने नई उत्पाद शुल्क नीति तैयार और लागू की थी। आरोप है कि इसमें आम आदमी पार्टी के नेताओं ने अपने चेहते शराब कोरोबारियों को अनुचित लाभ दिलाया। इसके बदले रिश्वत ली गई। मामले की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है। घोटाले में हुए मनी लॉन्ड्रिंग की जांच ईडी कर रही है। नई उत्पाद शुल्क नीति को भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद सरकार ने रद्द कर दिया था और पुरानी नीति लागू कर दी थी।

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