पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच तनाव कम होना शुरू हो गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि चीन की सेना और वाहन गलवान घाटी पर झड़प वाली जगह से एक किलोमीटर पीछे हट गई है।
नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच तनाव कम होना शुरू हो गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि चीन की सेना और वाहन गलवान घाटी पर झड़प वाली जगह से एक किलोमीटर पीछे हट गई है। सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि गलवान घाटी के पास चीन के सैनिकों की संख्या में कमी देखी गई है। भारत-चीन की झड़प के बाद ये पहली बार है कि जब चीन की सेना LAC से पीछे हटी है।
आर्मी चीफ ने लेह का किया था दौरा
15 जून को भारत और चीन के जवानों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हुए थे। इसके बाद आर्मी चीफ ने लद्दाख का दौरा किया, उन्होंने घायल सैनिकों से बात की। उनकी बहादुरी के लिए उनकी तारीफ की।
22 जून को कोर कमांडर स्तर की बातचीत हुई थी
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख सीमा पर तनाव कम करने के लिए 22 जून को कोर कमांडर स्तर की बातचीत हुई थी। इसमें चीन की सेना ने एलएसी पर अग्रिम मोर्चों पर तैनात अपने जवानों को पीछे हटाने का आश्वासन दिया था। इसके मुताबिक चीन ने गलवान इलाके में अपने कुछ सैनिक और वाहन पीछे हटा लिए हैं।
15 जून की रात सीमा पर क्या हुआ था?
पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच झपड़ में भारत के कर्नल रैंक के अधिकारी सहित 20 जवान शहीद हो गए। इस घटना पर विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि चीन ने ऐसा क्यों किया? मंत्रालय ने साफ-साफ शब्दों में कह दिया कि 15 जून को देर शाम और रात को चीन की सेना ने वहां यथास्थिति बदलने की कोशिश की। यथास्थिति से मतलब है कि चीन ने एलएसी बदलने की कोशिश की। भारतीय सैनिकों ने रोका और इसी बीच झड़प हुई। 15 जून की रात हुई हिंसक झड़प में 40 चीनी सैनिकों की भी मौत हुई।