भारत और चीन के बीच सीमा विवाद का तनाव बढ़ता जा रहा है। ऐसा इसलिए, क्योंकि चीन धोखा देने की हरकत से बाज नहीं आ रहा है। डिसइंगेजमेंट के तैयार होने के महज 48 घंटे के भीतर ही पूर्वी लद्दाख में एक बार फिर भारत और चीन के बीच तनातनी होने का अंदेशा है।
नई दिल्ली. भारत और चीन के बीच सीमा विवाद का तनाव बढ़ता जा रहा है। ऐसा इसलिए, क्योंकि चीन धोखा देने की हरकत से बाज नहीं आ रहा है। डिसइंगेजमेंट के तैयार होने के महज 48 घंटे के भीतर ही पूर्वी लद्दाख में एक बार फिर भारत और चीन के बीच तनातनी होने का अंदेशा है। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चल रहा है कि गलवान घाटी के पीपी-14 (पेट्रोलिंग प्वाइंट) पर फिर से चीन ने एक टेंट लगा लिया है। देपसांग सेक्टर में भी भारत और चीन के बीच टकराव की स्थिति बन रही है। यहां पर चीनी सैनिक घुसपैठ की कोशिश में हैं।
चीन सैन्य गाड़ियां और तोप भी पहुंचाने लगा है
चीन ने पूर्वी लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी हवाई पट्टी से 30 किलोमीटर और देपसांग से 21 किलोमीटर दूर बड़ी संख्या में सेना तैनात की है। इससे पहले भारत और चीन में गलवान घाटी, पैंगोग सो और हॉट स्प्रिंग्स इलाके में तनाव जारी है।
चीन ने गलवान घाटी में बड़ी संख्या में बनाए सैन्य कैंप
लद्दाख की गलवान घाटी में 10 दिन पहले चीन की धोखेबाजी का पता कुछ सैटेलाइट तस्वीरों से चला। हाई रेजोल्यूशन इमेज में गलवान नदी के आसपास लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएली) के दोनों ओर चीनी सेना के कई निर्माण या कैम्प साफतौर पर दिखाई दिए हैं।
15 जून की रात हुई थी हिंसक झड़प
पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में 15 जून की रात बातचीत के बहाने चीन ने भारतीय सैनिकों के साथ हिंसक की, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए। वहीं चीन के भी 40 सैनिक मारे गए।
22 जून को डिसइंगेजमेंट पर बनी थी सहमति
22 जून को दोनों देशों के कोर कमांडर्स एक मैराथन बैठक के बाद एलएसी यानि लाइन ऑफ एक्चुसल कंट्रोल पर डिसइंगेजमेंट के लिए तैयार हो गये थे, लेकिन गलवान घाटी में जिस तरह से चीन ने एक बार फिर से टेंट लगा लिया है, उससे चीन की नीयत में खोट दिखाई पड़ती है।