LAC पर Chinese Village: बीजिंग को सरकार का कड़ा संदेश, ऐसे कब्जे स्वीकार्य नहीं, कार्रवाई करने में हम सक्षम

यह गांव त्सारी चू नदी (Tsari Chu river) के तट पर स्थित है। और अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले (Subansiri district) में स्थित है। यह एक ऐसा क्षेत्र जहां 1962 के युद्ध से पहले भी भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़पें हुई हैं।

Dheerendra Gopal | Published : Nov 11, 2021 2:36 PM IST

नई दिल्ली। भारत-चीन (India-China) के बीच एलएसी (LAC) पर विवाद के बीच नई दिल्ली (India) ने बीजिंग (China) को कड़ा संदेश दिया है। भारतीय सीमा क्षेत्र (Indian Territory) में चीन (China) के अवैध कब्जे पर विदेश मंत्रालय (MEA)के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने कहा कि भारत ने न तो हमारे क्षेत्र पर इस तरह के अवैध कब्जे को स्वीकार किया है और न ही अनुचित चीनी दावों को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि चीन को हम हमेशा से ही चेताते और बताते रहे हैं, अगर संभव हुआ तो अपनी संप्रभुता के लिए कार्रवाई के लिए सक्षम हैं।  

हमेशा अवगत कराया है और बताना जारी रहेगा

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "चीन ने पिछले कई वर्षों में सीमावर्ती क्षेत्रों के साथ-साथ उन क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियां शुरू की हैं, जिन पर उसने दशकों से अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। भारत ने न तो हमारे क्षेत्र पर इस तरह के अवैध कब्जे को स्वीकार किया है और न ही अनुचित चीनी दावों को स्वीकार किया है।" उन्होंने कहा कि सरकार ने बीजिंग (Beijing) को "हमेशा अवगत कराया है और बताना जारी रखेगी"।

बागची ने कहा कि भारत अपनी सुरक्षा को प्रभावित करने वाले सभी घटनाक्रमों पर लगातार नजर रखता है और अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय कर सकता है और पूर्ण रूप से सक्षम भी हम हैं।

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट में भी चीनी अतिक्रमण का जिक्र

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिकी कांग्रेस (US Congress) को सौंपी गई रिपोर्ट में भी भारत-चीन सीमा क्षेत्रों, विशेष रूप से पूर्वी क्षेत्र में चीनी पक्ष द्वारा निर्माण गतिविधियों का जिक्र किया गया है। इस साल की शुरुआत में इस मुद्दे पर मीडिया में भी खबरें आई थीं।

दरअसल, अमेरिकी रक्षा विभाग (US Defence Department) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 2020 में किसी समय, पीआरसी (पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) ने तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और भारत के अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh)के बीच एलएसी के पूर्वी क्षेत्र में विवादित क्षेत्र के अंदर एक बड़ा 100-घरों का गांव बना लिया है। 

मैकमोहन लाइन के पास से गांव की तस्वीरें भी सामने आई

बीते जनवरी में मीडिया रिपोर्ट्स में भी क्षेत्र के हाई रिज़ॉल्यूशन उपग्रह इमेजरी के आधार पर, मैकमोहन लाइन (Macmohan Line) के दक्षिण (south) में भारतीय क्षेत्र के भीतर बने इस नए चीनी गांव का विवरण दिया गया था।

यह गांव त्सारी चू नदी (Tsari Chu river) के तट पर स्थित है। और अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले (Subansiri district) में स्थित है। यह एक ऐसा क्षेत्र जहां 1962 के युद्ध से पहले भी भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़पें हुई हैं।

चीन ने एक दशक से अधिक समय से इस क्षेत्र में एक छोटी सैन्य चौकी बनाए रखी है। 2020 में स्थिति काफी बदल गई, जब इसने एक पूर्ण गांव का निर्माण किया और भारतीय क्षेत्र में सड़क निर्माण को आगे बढ़ाया है।

सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बसावट बनाने की चीन की नीति तिब्बत क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए अरबों डॉलर की योजना का हिस्सा है। इसमें सीमावर्ती कस्बों के लिए बड़े पैमाने पर सड़क और रेल बुनियादी ढांचे का विकास और इस क्षेत्र में 600 से अधिक पूर्ण विकसित गांवों के निर्माण की योजना शामिल है।

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