लद्दाख में फ्रंटलाइन पर भारत-चीन नहीं करेंगे और सैनिकों की तैनाती, 14 घंटे की बैठक के बाद बनी सहमति

भारत और चीन के बीच लद्दाख में जारी तनाव को कम करने के लिए छठवीं बार सोमवार को कोर कमांडर स्तर पर बातचीत हुई। चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने मंगलवार रात कहा कि चीन और भारत दोनों में फ्रंटलाइन पर ज्यादा सैनिक भेजे जाने को रोकने के लिए सहमति बनी है।

लद्दाख. भारत और चीन के बीच लद्दाख में जारी तनाव को कम करने के लिए छठवीं बार सोमवार को कोर कमांडर स्तर पर बातचीत हुई। चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने मंगलवार रात कहा कि चीन और भारत दोनों में फ्रंटलाइन पर ज्यादा सैनिक भेजे जाने को रोकने के लिए सहमति बनी है। इसके साथ ही दोनों पक्ष ग्राउंड पर मौजूदा स्थिति को बदलने पर एकपक्षीय फैसला नहीं लेने के लिए तैयार हुए हैं। दोनों देश इस बात के लिए भी राजी हो गए हैं कि आगे से ऐसा कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा जिससे स्थिति और ज्यादा बिगड़े।

इससे पहले, सोमवार को हुई बैठक में पहली बार इसमें विदेश मंत्रालय के अफसर भी शामिल हुए। 13 घंटे तक चली बातचीत में भारत ने चीन से कहा कि वह पूर्वी लद्दाख में उन पोजिशन पर वापस जाए, जो अप्रैल-मई 2020 के पहले थीं। इसके लिए डेडलाइन तय हो। बैठक में दोनों देशों के बीच तनाव को दूर करने के लिए लगातार बातचीत जारी रखने पर सहमति बनी। बैठक में 14 कॉर्प्स चीफ लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने हिस्सा लिया। मेनन अगले महीने लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर की जगह लेने जा रहे हैं। वहीं,चीन की तरफ से दक्षिण जिन जियांग सैन्य क्षेत्र के कमांडर मेजर जनरल लियू लिन आए। खास बात ये है कि इस बैठक में पहली बार विदेश मंत्रालय के ईस्ट एशिया मामलों के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव भी शामिल हुए। बैठक सोमवार को सुबह 10 बजे से रात 11 बजे तक चली।

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चीन को सभी विवादित पॉइंट से हटना चाहिए पीछे- भारत 
भारत ने साफ कहा कि चीन को सभी विवादित पॉइंट से फौरन पीछे हटना चाहिए। इसके अलावा, पीछे हटने की शुरुआत चीन करे, क्योंकि विवाद की वजह चीनी सेना है। बैठक में कहा गया कि अगर चीन पूरी तरह से वापस जाने और पहले जैसी स्थिति बहाल नहीं करेगा, तो भारतीय सेना सर्दियों में भी सीमा पर डटी रहेगी। वहीं चीन ने कहा, 'भारत को पैन्गॉग त्सो के दक्षिणी इलाके की उन पोजिशन को खाली करना चाहिए, जिन पर 29 अगस्त के बाद कब्जा किया है।' उधर, भारत ने भी अप्रैल-मई 2020 के पहले की स्थिति को बहाल करने पर जोर दिया।

7वें दौर की मीटिंग जल्द
इसके अलावा भारत और चीन की सेनाएं आपस में संपर्क मजबूत करने और गलतफहमी तथा गलत निर्णय से बचने पर भी एकमत हुईं। दोनों पक्ष भारत और चीन के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति के ईमानदारी से क्रियान्वयन पर सहमत हुए। वहीं, दोनों देश जल्द से जल्द सैन्य कमांडर स्तर की सातवें दौर की वार्ता करने पर भी सहमति व्यक्त की।
 

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