भारत ने पाकिस्तान के कराची में हुए आत्मघाती हमले (Karachi terror attack) की निंदा की है। भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की उस टिप्पणी को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की जम्मू-कश्मीर यात्रा को दिखावा बताया था।
नई दिल्ली। भारत ने पाकिस्तान के कराची में हुए आत्मघाती हमले (Karachi terror attack) की निंदा की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा कि कहीं भी आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ भारत का रुख दृढ़ और सुसंगत रहा है। कराची के एक परिसर में विस्फोट जिसमें तीन चीनी नागरिक मारे गए सभी देशों को "आतंकवाद के खिलाफ अविभेदित स्थिति" लेने की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की उस टिप्पणी को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी की जम्मू-कश्मीर यात्रा को दिखावा बताया था। उन्होंने कहा था कि भारत यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि जम्मू-कश्मीर में सब कुछ ठीक है।
बातचीत पर भारत की स्थिति में नहीं आया बदलाव
अरिंदम बागची ने कहा कि पड़ोसी देश के नेतृत्व में बदलाव के बाद पाकिस्तान सरकार के साथ बातचीत करने पर भारत की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। हमारी स्थिति बहुत सरल है। आतंकवाद मुक्त माहौल होना चाहिए, जिसमें बातचीत हो सके। शरीफ और उनके भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी ने "शिष्टाचार पत्रों का आदान-प्रदान" किया था, लेकिन भारत की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। हमारा मुख्य मुद्दा आतंकवाद मुक्त माहौल है। यह एक जायज मांग है।
बागची ने शरीफ की उस टिप्पणी को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने सप्ताहांत में मोदी की जम्मू-कश्मीर यात्रा को 'मंचन' बताया था। मोदी ने कई विकास परियोजनाओं को शुरू करने और जमीनी स्तर के राजनीतिक प्रतिनिधियों से मिलने के लिए केंद्र शासित प्रदेश का दौरा किया था। बागची ने कहा कि जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में प्रधानमंत्री की यात्रा के मुद्दे पर मुझे 'मंचन' शब्द समझ में नहीं आता है।
जम्मू-कश्मीर पर बोलने के लिए पाकिस्तान के पास कोई आधार नहीं
बागची ने कहा कि मोदी का स्वागत, यात्रा के दृश्य, विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और जमीनी स्तर पर हुए बदलाव प्रधानमंत्री की यात्रा के बारे में उठाए जा सकने वाले किसी भी प्रश्न का बहुत स्पष्ट उत्तर हैं। पाकिस्तान के पास जम्मू-कश्मीर में जो हो रहा है उस पर इस नजरिए से बात करने का कोई आधार नहीं है।
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बता दें कि मोदी की कश्मीर यात्रा के तुरंत बाद शरीफ ने एक ट्वीट में कहा था कि भारतीय प्रधानमंत्री की IIOJK की यात्रा और सिंधु जल संधि के उल्लंघन में पनबिजली परियोजनाओं की आधारशिला रखना, कब्जे वाले क्षेत्र में झूठी 'सामान्य स्थिति' को प्रोजेक्ट करने का एक और हताश प्रयास है। हम कश्मीरियों के साथ खड़े हैं क्योंकि उन्होंने यात्रा को अस्वीकार कर दिया और काला दिवस मनाया।
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