
नई दिल्ली। इंडिगो एयरलाइंस (IndiGo Airlines) के सात पायलटों ने उड़ान के दौरान इमरजेंसी रेडियो फ्रिक्वेंसी पर वेतन बहाली को लेकर बात की और प्रबंधन के संबंध में अपशब्द कहे। ये पायलट कोरोना से पहले के अपने वेतन को बहाल करने में देरी से असंतुष्ट थे। इन्होंने विमान उड़ाते समय रेडियो पर वरिष्ठ प्रबंधन के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया।
एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) द्वारा घटना के बारे में सतर्क किए जाने के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशक (डीजीसीए) ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह घटना 9 अप्रैल को हुई जब इंडिगो पायलटों का एक समूह 121.5 मेगाहर्ट्ज आवृत्ति पर कोविड पूर्व वेतन की बहाली में देरी पर अपनी नाखुशी व्यक्त कर रहा था। यह फ्रिक्वेंसी आम तौर पर नागरिक संकट या आपातकालीन उपयोग के लिए आरक्षित है।
लाइसेंस खो सकते हैं पायलट
अधिकारी ने कहा ने कहा कि एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) ने घटना के बारे में डीजीसीए को सूचित किया। डीजीसीए अनुशासनहीनता अधिनियम के तहत इसे गंभीर मामले के रूप में देख रहा है। यह पायलटों के प्रशिक्षण के मौलिक हिस्से का उल्लंघन है। हमने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। दोषी साबित होने पर पायलट अपना लाइसेंस खो सकते हैं।
संकट के समय किया जाता है 121.5 मेगाहर्ट्ज फ्रिक्वेंसी का उपयोग
बता दें कि 121.5 मेगाहर्ट्ज फ्रिक्वेंसी का उपयोग संकट के मामले में सीमा के भीतर किसी भी हवाई यातायात नियंत्रण सुविधा से संपर्क करने के लिए किया जाता है। इस फ्रिक्वेंसी पर हुई बातचीत पर गंभीरता से नजर रखी जाती है और इसे रिकॉर्ड में रखा जाता है। पायलटों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे आपातकालीन सेवाओं की पवित्रता बनाए रखें।
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दुनिया भर में विमानन नियामक 121.5 फ्रिक्वेंसी के उल्लंघन या दुरुपयोग के बारे में बहुत गंभीर हैं और ऐसे किसी भी मामले में भारी जुर्माना लगाया जाता है। इंडिगो एयरलाइंस के एक प्रवक्ता ने कहा कि घटना हुई और नियामक द्वारा इसकी जांच की जा रही है।
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