भारत के पास दुनिया की 4% जमीन, रहते हैं 17% लोग, ऐसे ही बिना सोचे समझे घर बने तो आएगी बड़ी तबाही: सद्गुरु

तमिलनाडु में रियल एस्टेट डेवलपर्स को चेताते हुए सद्गुरु ने कहा कि भारत के पास दुनिया की चार फीसदी जमीन है और यहां विश्व की 17 फीसदी आबादी रहती है। बिना सोचे समझे घर बनाए गए तो भारत गंभीर आपदाओं की ओर बढ़ेगा। 

 

कोयंबटूर। सद्गुरु ने NARVIGATE 2023 में रियल एस्टेट डेवलपर्स को संबोधित किया। कोयंबटूर में आयोजित इस कार्यक्रम में रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े 1,200 से अधिक लोग शामिल हुए। उन्होंने कहा, "हम (भारत) दुनिया की जमीन का सिर्फ चार फीसदी हैं, लेकिन विश्व जनसंख्या का 17 फीसदी हैं। 15 साल में यह बढ़कर 20 फीसदी हो जाएगा, लेकिन जमीन नहीं बढ़ रही है।"

उन्होंने कहा कि हम उसी तरह घर बनाते रहे जैसे पहले बनाए जाते थे तो हम गंभीर मुसीबत में होंगे। सद्गुरु ने लालफीताशाही पर कड़ा प्रहार किया और उस व्यवस्था पर सवाल उठाया जहां हर किसी को अपराधी माना जाता है। उन्होंने कहा, "संशोधन पर संशोधन कर आप हमें हर रोज भ्रमित करते हैं। बस भवन निर्माण कानून बनाएं और हमें बताएं कि यह एक गांव, कस्बे और शहर, किसके लिए है। हममे से अधिकतर लोग कानून का पालन करते हुए घर बनाएंगे। यहां तक कि दो फीसदी लोग भी कानून नहीं तोड़ेंगे, लेकिन आज हर किसी के साथ अपराधी जैसा सलूक किया जा रहा है। एक भवन बनाने की मंजूरी के लिए 14 सर्टिफिकेट की जरूरत होती है।”

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रियल एस्टेट डेवलपर्स पता करें अपने अधिकार

यह पूछे जाने पर कि डेवलपर्स कैसे राष्ट्र-निर्माण में योगदान दे सकते हैं, जबकि नियम बनाने में उनकी कोई भूमिका नहीं है। सद्गुरु ने कहा कि यही कारण है कि इस तरह के एसोसिएशन बहुत जरूरी हैं। रियल एस्टेट डेवलपर्स के अधिकार क्या हैं? इस पर रिसर्च के लिए दो लोगों को नियुक्त क्यों नहीं करते? आप क्या कर सकते हैं? आप अपने अधिकार पता करें और फिर देश भर में आवाज उठाएं। मैं समझता हूं कि व्यक्तिगत व्यावसायिक स्तर पर अगर आप पूरी कोशिश करते हैं तब भी वे आपकी बात सुने यह जरूरी नहीं, लेकिन अगर पूरी इंडस्ट्री एकजुट होकर मांग करती है तो उससे कोई इनकार नहीं करेगा।

सद्गुरु ने कहा, “अगर आप सबको फलना-फूलना है तो आपको समझना होगा कि अगर उद्योग नहीं फलेगा को आपको भी लाभ नहीं होगा। अगर आप सच में फलना-फूलना चाहते हैं तो यह जरूरी है कि इंडस्ट्री फले-फूले।

आजीविका नहीं होने के चलते लोग करते हैं पलायन

बढ़ते पलायन के कारण शहरीकरण के साथ सतत विकास के लिए सही संतुलन खोजने के सवाल पर सद्गुरु ने कहा कि लोगों को पलायन करने के लिए मजबूर किया जाता है। कोई आजीविका नहीं होने के चलते लोग बाहर जाते हैं। सद्गुरु ने युवा आबादी में कौशल की कमी को टाइम बम बताया। उन्होंने कहा कि अभी देश में कम से कम 8 से 10 मिलियन बच्चे होने चाहिए जो 15-16 साल की उम्र तक पहुंचेंगे। वे सोचते हैं कि वे पढ़े-लिखे हैं, लेकिन वे दो और दो नहीं जोड़ सकते। उनके पास किसी तरह का कौशल नहीं है, न उनके पास शिक्षा है, न ही वे विश्वविद्यालय जा रहे हैं। यह एक टिक-टिक करने वाला बम है। क्योंकि रोजगार नहीं मिलने पर युवा आपराधिक और अन्य प्रकार की नकारात्मक गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं।

सद्गुरु ने कहा कि देश केवल इमारतों, पुलों और सड़कों के कारण नहीं होता है। एक महान राष्ट्र इसलिए बनता है क्योंकि हम महान लोगों का निर्माण करते हैं। शारीरिक, मानसिक और कौशल के मामले में यदि आप महान लोगों का निर्माण करते हैं तो एक महान राष्ट्र बनता है।

 

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