
Free Trade Agreement India Israel: इंडिया और इज़राइल अपने प्रस्तावित फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को दो फेज़ में लागू करने की योजना बना रहे हैं। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि इसका मकसद दोनों देशों की ट्रेड कम्युनिटी को जल्दी फायदा पहुंचाना और निवेश व टेक्नोलॉजी सहयोग को बढ़ाना है।
पीयूष गोयल ने कहा कि इंडिया-इज़राइल FTA को दो हिस्सों में लागू करने पर विचार किया जा रहा है। पहला फेज़ आसान और जल्दी लागू होने वाले नियमों पर फोकस करेगा, ताकि ट्रेड कम्युनिटी को त्वरित लाभ मिले। दूसरे फेज़ में जटिल और सेंसिटिव मुद्दों को शामिल किया जाएगा। इससे दोनों देशों के बिज़नेस और निवेशकों के लिए शुरुआती फायदा सुनिश्चित होगा।
इंडिया-इज़राइल ToR (India-Israel ToR) (Terms of Reference) में टैरिफ और नॉन-टैरिफ बैरियर हटाने, मार्केट एक्सेस आसान बनाने, कस्टम प्रोसीजर को सरल बनाने, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन सहयोग बढ़ाने, और सर्विसेज़ में ट्रेड को प्रोत्साहित करने जैसे कदम शामिल हैं। ये कदम FTA को बिज़नेस फ्रेंडली और निवेश आकर्षक बनाएंगे।
पीयूष गोयल ने इज़राइल के बड़े मेट्रो प्रोजेक्ट का भी जिक्र किया। तेल अवीव में USD 50 बिलियन के इस प्रोजेक्ट में 300 km अंडरग्राउंड टनलिंग शामिल है। भारत की पब्लिक और प्राइवेट कंपनियां इसमें बोली लगा सकती हैं। गोयल का कहना है कि भारतीय कंपनियों के पास पहले से अनुभव और क्षमता है, और इज़राइल भी चाहती है कि भारत इस बड़े प्रोजेक्ट का हिस्सा बने।
दोनों देश R&D और इनोवेशन पर ध्यान केंद्रित करेंगे। इसका मकसद है कि एक-दूसरे के मार्केट और स्किल सेट का फायदा उठाया जा सके। भारतीय कंपनियों को हाई-टेक और जॉइंट प्रोजेक्ट्स में निवेश का अवसर मिलेगा, जिससे लंबे समय में बिज़नेस बढ़ सकता है।
2024-25 में भारत से इज़राइल के एक्सपोर्ट में 52% की गिरावट हुई और 2.14 बिलियन USD रहा। इंपोर्ट भी घटकर 1.48 बिलियन USD हो गया। कुल व्यापार 3.62 बिलियन USD रहा। भारत एशिया में इज़राइल का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर है। एक्सपोर्ट में मोती, कीमती पत्थर, केमिकल, मशीनरी, इलेक्ट्रिकल इक्विपमेंट और टेक्सटाइल शामिल हैं। इंपोर्ट में पेट्रोलियम, डिफेंस, मशीनरी और इलेक्ट्रॉनिक मशीनरी शामिल हैं।