जापान के आकाश में दम दिखाएंगे सुखोई विमान, चीन को करीब से होगा इंडियन एयरफोर्स की ताकत का एहसास

भारत और जापान की वायुसेना 12-26 जनवरी 2023 तक संयुक्त युद्ध अभ्यास करेगी। भारत के चार सुखोई विमान अभ्यास में हिस्सा लेंगे। वहीं, जापान के चार F-2 और चार F-15 फाइटर अभ्यास में शामिल होंगे।
 

Asianet News Hindi | Published : Jan 7, 2023 11:57 AM IST / Updated: Jan 07 2023, 05:33 PM IST

नई दिल्ली। एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर भारत और चीन के बीच तनातनी जारी है। पिछले साल दिसंबर में अरुणाचल प्रदेश के तवांग में हुई झड़प के बाद दोनों ओर से सैनिकों की भारी तैनाती की गई है। इस बीच नए साल में चीन को भारत की वायुसेना की ताकत का करीब से एहसास होने वाला है। भारत और जापान की वायुसेना (Japan Air Self Defence Force) संयुक्त अभ्यास करेगी। इस दौरान भारत के सुखोई एमकेआई 30 विमान चीन के आकाश में दम दिखाएंगे। 

12 से 26 जनवरी 2023 तक भारत और जापान की वायुसेना संयुक्त अभ्यास करेगी। इसे Exercise Veer Guardian 2023 नाम दिया गया है। इस अभ्यास में भारत की ओर से चार सुखोई फाइटर प्लने, दो ट्रांस्पोर्ट विमान C-17 ग्लोबमास्टर और एक  IL-78 टैंकर विमान हिस्सा लेंगे। विमानों का यह बेड़ा रविवार को भारत से जापान के Hyakuri एयर बेस के लिए रवाना होगा। अभ्यास में हिस्सा ले रहे सुखोई विमान 220 स्क्वाड्रन डेजर्ट टाइगर्स के हैं। जापानी वायुसेना की ओर से अभ्यास में चार F-2 और चार F-15 फाइटर प्लेन हिस्सा लेंगे।  

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IAF के अनुसार अभ्यास के दौरान जटिल वातावरण में मल्टी डोमेन एयर कॉम्बैट मिशन किया जाएगा। यह भारत और जापान की वायु सेना को एक-दूसरे से सीखने का मौका प्रदान करेगा। 8 सितंबर 2022 को जापान की राजधानी टोक्यो में आयोजित दूसरी 2+2 विदेश और रक्षा मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान भारत और जापान ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग बढ़ाने और पहले संयुक्त फाइटर जेट अभ्यास सहित अधिक सैन्य अभ्यास में शामिल होने पर सहमति व्यक्त की थी। 

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भारत का अभिन्न मित्र है जापान
जापान और भारत की दोस्ती का अपना एक लंबा इतिहास रहा है। मई में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्वाड मीटिंग में भाग लेने जापान गए थे, तब उन्होंने इस दोस्ती के कई उदाहरण पेश किए थे। पीएम मोदी ने कहा था कि हमने भारत में एक strong और resilient, responsible democracy की पहचान बनाई है। उसको बीते 8 साल में हमने लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव का माध्यम बनाया है। हमारी इस कैपेसिटी के निर्माण में जापान एक अहम भागीदार है। मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल हो, दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर हो, dedicated freight corridor हो, ये भारत-जापान के सहयोग के बहुत बड़े उदाहरण हैं।

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