अमेरिकी कंपनी कैपिटल ग्रुप ने कहा- अन्य उभरते बाजारों की तुलना में भारत अधिक आकर्षक, पीएम मोदी ने शेयर किया लेख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल से अमेरिकी फाइनेंशियल सर्विस कंपनी कैपिटल ग्रुप के एक लेख को शेयर किया है। उन्होंने लिखा है कि युवाओं और उद्यमियों को ये 9 बिंदु दिलचस्प लगेंगे।

नई दिल्ली। अमेरिकी फाइनेंशियल सर्विस कंपनी कैपिटल ग्रुप ने अपने एक लेख में भारत को अन्य उभरते बाजारों की तुलना में अधिक आकर्षक बताया है। इस लेख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया है। इसके साथ ही उन्होंने लिखा है कि युवाओं और उद्यमियों को ये 9 बिंदु दिलचस्प लगेंगे। और हां, भारत एक ग्लोबल ब्राइट स्पॉट है। इसमें और अधिक विकास करने की प्रबल इच्छा है।

 

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कैपिटल ग्रुप के लेख में क्या है?

भारत को ऐसे बाजार के रूप में जाना जाता है जिसने आशावादियों और निराशावादियों को समान रूप से भ्रमित किया है। क्या यह इसके चमकने का दशक हो सकता है? भारत ने पिछले 10 वर्षों में राजनीतिक स्थिरता देखी है। इससे आर्थिक विकास सर्वोच्च प्राथमिकता बन गया है। यहां कुछ प्रमुख पहलू दिए गए हैं जो भारत को अन्य उभरते बाजारों की तुलना में आकर्षक बनाते हैं।

1.सुधारों ने विकास के लिए मंच तैयार किया है

2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पदभार संभालने के बाद से उन्होंने और उनकी टीम ने व्यापार समर्थक सुधारों को शुरू करने में मदद की है। आधार ने एक अरब से अधिक लोगों को राष्ट्रीय डेटाबेस में ला दिया है। 2017 में लागू किए गए जीएसटी ने टैक्स व्यवस्था में सुधार किया है। डिजिटल लेनदेन के लिए UPI बनाई गई है। घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन कार्यक्रम भी जोर पकड़ रहे हैं। इन सुधारों ने विकास के लिए मंच तैयार किया है। IMF (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) के अनुसार भारत के 2027 तक संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का अनुमान है। यह वर्तमान में जापान और जर्मनी के बाद पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

2. इन्फ्रास्ट्रक्चर में उछाल वास्तविक है

इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी भारत की वास्तविक विकास क्षमता को उजागर करने में बड़ी बाधा रही है। पिछले पांच वर्षों में सरकार ने सड़कों, रेलमार्गों, हवाई अड्डों और बंदरगाहों के निर्माण में अरबों डॉलर खर्च किए हैं। हमने सूरत से मुंबई तक 170 मील (273.5 किलोमीटर) की दूरी कार से तय की। दस साल पहले इस यात्रा में 12 घंटे लगते थे। हमने इसे छह घंटे में पूरा किया। छह-लेन वाले हाईवे पर गाड़ी चलाई।

3. मैन्युफैक्चरिंग के लिए अनुकूल परिस्थितियां मजबूत हो रही हैं

भारत में मोबाइल फोन, घरेलू उपकरणों, कंप्यूटर और दूरसंचार उपकरणों की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता का विस्तार हो रहा है। मोदी की टीम जापानी, ताइवानी और अमेरिकी कंपनियों को निवेश करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। Apple भारत में अपने iPhone 14 का उत्पादन कर रही है। भारत में मैन्युफैक्चरिंग आसान होता जा रहा है। जमीन के लिए सरकारी मंजूरी प्राप्त करना कम कठिन है। हमारा अनुमान है कि भारत उन कंपनियों के लिए एक पसंदीदा स्थान बन जाएगा जो चीन के बाहर अपनी सप्लाई चेन में विविधता लाना चाहती हैं।

4. भारत का इक्विटी बाजार बढ़ रहा है, इसे विकसित होना चाहिए

हमें उम्मीद है कि भारत में निवेश के अवसर बढ़ेंगे। अर्थव्यवस्था के आकार और इसकी संभावित वृद्धि की तुलना में इक्विटी बाजार अभी भी अपेक्षाकृत छोटा है। 31 मई, 2023 तक एमएससीआई इंडिया इंडेक्स का बाजार पूंजीकरण करीब 1 ट्रिलियन डॉलर था। छोटी कंपनियां या 1 बिलियन डॉलर से 10 बिलियन डॉलर के बीच बाजार मूल्य वाली कंपनियों ने सूचकांक का लगभग आधा हिस्सा बनाया। हाल के वर्षों में आईपीओ का प्रसार देखा गया है। देश में उद्योग के लिए पूंजी आ रही है। दिसंबर 2022 तक यूनिकॉर्न (1 बिलियन डॉलर मूल्य की गैर-सूचीबद्ध कंपनियां) की संख्या के मामले में भारत अब केवल अमेरिका और चीन से पीछे है।

5. रियल एस्टेट, वित्तीय और औद्योगिक क्षेत्रों तक फैले हैं निवेश के अवसर

2031 तक रियल एस्टेट के भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लगभग 15% तक बढ़ने का अनुमान है। यह वर्तमान में 7% है। इसके साथ ही निर्माण सामग्री, केबल, रेफ्रिजरेटर और एयर कंडीशनर की मांग बढ़ने की संभावना है। बैंकों के लिए माहौल सकारात्मक दिख रहा है। दूरसंचार बाजार मजबूत हो गया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज और भारती एयरटेल प्रभावी रूप से प्रमुख खिलाड़ी बन गए हैं। हमारा अनुमान है कि स्मार्टफोन और डेटा का उपयोग बढ़ता रहेगा।

6.चीन प्लस वन: रसायन उद्योग अच्छा उदाहरण पेश करता है

रसायन उद्योग इस बात का उदाहरण है कि कैसे सरकारें और बहुराष्ट्रीय कंपनियां चीन से परे मैन्युफैक्चरिंग में विविधता लाने के लिए भारत का रुख कर रही हैं। पिछले दशक में कई रासायनिक कंपनियां सामने आई हैं। भारत के पास प्रशिक्षित वैज्ञानिकों और रासायनिक इंजीनियरों का बड़ा समूह है। भारत में सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रिक गाड़ी की बैटरी और सौर पैनलों का निर्माण तेजी से बढ़ रहा है।

7. ऊर्जा के क्षेत्र में चीन को टक्कर दे रहा भारत

भारत स्वच्छ ऊर्जा, विशेषकर ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में चीन को टक्कर दे रहा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज, लार्सन एंड टुब्रो और टाटा पावर इस क्षेत्र में अच्छा काम कर रही हैं। भारत तेल और गैस का बड़ा आयातक है। इसलिए भारत ऊर्जा के दूसरे स्रोतों पर ध्यान दे रहा है।

8. युवा आबादी से भारत को है सबसे बड़ा फायदा

भारत युवाओं का देश है। पश्चिमी देश मैन्युफैक्चरिंग के लिए चीन के बदले दूसरे देश की तलाश में हैं। युवा आबादी के चलते भारत में इसमें बड़ा फायदा होगा। भारत की औसत उम्र 29 साल है। अगर सही नीतियां लागू रहें तो भारत की उत्पादक क्षमता बढ़ेगी। हम पहले ही देख चुके हैं कि बेहतर नियामक और कानूनी ढांचे के साथ तकनीकी इनोवेशन ने देश की अर्थव्यवस्था को दुनिया की सबसे तेज अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना दिया है।

9. मूल्यांकन बढ़ा हुआ है लेकिन दुर्गम नहीं है

जब उभरते बाजारों में निवेश की बात आती है तो भारत मूल्य-से-आय के आधार प्रीमियम पर कारोबार करता है। फिलहाल ऐतिहासिक मानकों के हिसाब से बाजार थोड़ा महंगा दिखता है। MSCI इंडिया इंडेक्स अपने 10 साल के औसत 18 गुना की तुलना में 20 गुना आगे की कमाई पर कारोबार करता है। हमारा मानना है कि भारत के लिए बुनियादी दृष्टिकोण यकीनन पहले से कहीं बेहतर है। यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। मुद्रास्फीति नियंत्रण में है। भ्रष्टाचार एक दशक पहले की तुलना में कम है। यदि भारतीय कंपनियां कमाई और नकदी प्रवाह पर अच्छा प्रदर्शन कर सकती हैं तो हमें लगता है कि यह संभव है कि बाजार इन मूल्यांकनों तक बढ़ सकता है।

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