ड्रैगन से तनाव के बीच भारत-नेपाल की मिलिट्री करेंगी आज से जंगल और पहाड़ी युद्ध का अभ्यास

भारतीय सेना ने कहा कि इस सालाना अभ्यास का उद्देश्य जंगल युद्ध और पहाड़ी इलाकों में आतंकवाद विरोधी अभियानों में और सक्रियता बढ़ाना है।

Dheerendra Gopal | Published : Dec 15, 2022 5:26 PM IST / Updated: Dec 16 2022, 01:03 AM IST

India-Nepal Military Joint exercise: ड्रैगन की पड़ोसियों पर दादागीरी के बीच नेपाल ने अपनी सेना को भारत के साथ संयुक्त अभ्यास को हरी झंड़ी दे दी है। शुक्रवार से भारत-नेपाल की सेनाएं संयुक्त अभ्यास करेंगी। दो सप्ताह तक चलने वाला यह मेगा सैन्य अभ्यास जंगल युद्ध और एंटी-टेररिस्ट ऑपरेशन्स को लेकर एक्सरसाइज करेंगी। यह सैन्य अभ्यास नेपाल क्षेत्र में होगा। 

भारतीय सेना ने सैन्य अभ्यास की मुख्य वजह

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दोनों देशों की मिलिट्री की यह ज्वाइंट एक्सरसाइज नेपाल के सालझंडी क्षेत्र में होगी। आर्मी बैटल स्कूल में 'सूर्य किरण' एक्सरसाइज का 16वां एडिशन है। यह एक्सरसाइज दो सप्ताह तक चलेगी। इस अभ्यास में नेपाली सेना अपनी श्री भवानी बक्श बटालियन के सैनिकों को तैनात कर रही है जबकि भारतीय दल '5 गोरखा राइफल्स' के हैं। 

जंगल युद्ध और पहाड़ी क्षेत्र में आपदा मैनेजमेंट का करेंगे अभ्यास

भारतीय सेना ने कहा कि इस सालाना अभ्यास का उद्देश्य जंगल युद्ध और पहाड़ी इलाकों में आतंकवाद विरोधी अभियानों में और सक्रियता बढ़ाना है। सेना ने एक बयान में कहा कि संयुक्त अभ्यास आतंकवाद विरोधी अभियानों में इकाई स्तर पर आपसी सहयोग, डिसास्टर मैकेनिज्म, आर्म्ड फोर्सेस का किसी आपदा के वक्त प्रमुख रोल व मैनेजमेंट पर फोकस किया जाएगा। इसके अलावा आपसी सहयोग से आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाने, मानवीय राहत अभियानों में संयुक्त हिस्सेदारी आदि पर भी फोकस किया जाएगा। 

भारत-अमेरिकी सैनिकों का उत्तराखंड में मिलिट्री एक्सरसाइज

भारत और अमेरिका की सेना भी उत्तराखंड में अपना मिलिट्री एक्सरसाइज की हैं। पिछला अभ्यास भारत और अमेरिका की सेना ने अक्टूबर 2021 में अलास्का के एल्मडॉर्फ रिचर्डसन बेस पर किया था। उत्तराखंड में सैन्य अभ्यास में अमेरिकी सेना के 11वीं एयरबोर्न डिवीजन की दूसरी ब्रिगेड के जवान और भारतीय सेना के असम रेजीमेंट के जवानों ने हिस्सा लिया। भारत-अमेरिका के संयुक्त युद्ध अभ्यास पर चीन ने आपत्ति जताई थी। चीन ने कहा कि भारत के साथ हुए दो समझौतों का उल्लंघन किया जा रहा है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन के हवाले से कहा गया कि चीन-भारत सीमा पर एलएसी के करीब भारत और अमेरिका के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास चीन और भारत के बीच 1993 और 1996 में हुए समझौते की भावना का उल्लंघन करता है। 

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