तुर्किये और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप प्रभावित लोगों की मदद करने और रेस्क्यू के ऑपरेशन दोस्त (Operation Dost) के तहत भारतीय टीम वहां पहुंच चुकी है। बता दें कि दोनों देशों में भूकंप में मरने वालों की संख्या 19 हजार के करीब हो गई है।
वर्ल्ड न्यूज. तुर्किये और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप(powerful earthquakes struck Turkey and Syria) प्रभावित लोगों की मदद करने और रेस्क्यू के ऑपरेशन दोस्त (Operation Dost) के तहत भारतीय टीम वहां पहुंच चुकी है। बता दें कि दोनों देशों में भूकंप में मरने वालों की संख्या 19 हजार के करीब हो गई है। इस दौरान बड़ी संख्या में मलबे में दबे लोगों को बचाया गया। 6 फरवरी को दोनों देशों में सुबह 7.8, 7.6 और 6.0 तीव्रता के लगातार तीन विनाशकारी भूकंप आए थे।
भारत में तुर्कीये के राजदूत फिरत सुनेल ने कहा है कि 'ऑपरेशन दोस्त' एक "बहुत महत्वपूर्ण ऑपरेशन" है और दोनों देशों के बीच दोस्ती को दिखाता है। बता दें कि तुर्की के नूरदागी में NDRF(भारत) की टीमें सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। भूकंप से प्रभावित लोगों की सहायता करने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वॉड, चिकित्सा आपूर्ति और अन्य आवश्यक उपकरणों के साथ एनडीआरएफ की 3 टीमों को भारत से तुर्की भेजा गया है।
8 फरवरी को गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर मौजूद केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने कहा-आज NDRF बचाव दल की तीसरी टीम जा रही है, उनके साथ सभी आवश्यक उपकरण भी भेजा जा रहा(अब भेजा जा चुका) है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबंधित अधिकारियों को तुर्की में भूकंप से प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्तिगत रूप से इस घटना पर दुख व्यक्त किया है। मुरलीधरन ने यह भी कहा कि भारत तुर्की के लोगों के साथ खड़ा है। भारत मौजूदा स्थिति का आकलन करेगा। अगर जरूरत पड़ी, तो और भी सहायता मुहैया कराएगा।
ऑपरेशन दोस्त के तहत आज (9 फरवरी) को भी राहत सामग्री से भरी छठी फ्लाइट (6th Flight) तुर्किये भेजी गई। विदेश मंत्री एस जयशंकर (S.Jaishankar) ने कहा, “आज छठा विमान तुर्किए पहुंच गया है।” इस 5 C-17 IAF विमान में 250 से अधिक बचाव कर्मी, विशेष उपकरण और 135 टन से अधिक की राहत सामग्री भेजी गई है।
विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि सोमवार-मंगलवार को तुर्किये में आए भीषण भूकंप (Turkiye Earthquake) में एक भारतीय लापता हो गए हैं। वहीं, 10 भारतीय दूरदराज के इलाकों में फंसे हुए हैं। वे सुरक्षित हैं। भारत द्वारा तुर्किये भेजी गई विशेषज्ञ टीमों ने खोज और बचाव अभियान शुरू कर दिया है। क्लिक करके पढ़ें
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तुर्किये (तुर्की) में 6 फरवरी को 7.8, 7.6 और 6.0 तीव्रता के लगातार तीन विनाशकारी भूकंप आए। भूकंप के बाद 50 से अधिक आफ्टरशॉक्स आए। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने कहा कि पहला 7.8 तीव्रता का भूकंप तुर्किये के शहर गजियांटेप के पास लगभग 17.9 किलोमीटर (11 मील) की गहराई पर सुबह 4:17 बजे आया। तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने 7.8 तीव्रता के भूकंप को 1939 के बाद से देश की सबसे बड़ी आपदा बताया। भूकंप से गाजियांटेप, सान्लिउर्फा, दियारबाकिर, अदाना, अदियामन, मालट्या, उस्मानिया, हटे और किलिस प्रांत बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
सीरिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश के विद्रोहियों के कब्जे वाले उत्तर पश्चिम में (जहां सरकार का नियंत्रण नहीं है) वहां बड़ी संख्या में लोग मारे गए। सीरिया में दो बार भूकंप आया। लोगों के सोते ही पहला भूकंप आया और इसकी तीव्रता 7.8 मापी गई, जो कम से कम एक सदी में इस क्षेत्र के सबसे शक्तिशाली भूकंपों में से एक है। इसे साइप्रस और काहिरा तक महसूस किया गया। यूरोपियन मेडिटेरेनियन सीस्मोलॉजिकल सेंटर (EMSC) ने कहा कि प्रारंभिक आंकड़ों से पता चलता है कि दूसरा बड़ा भूकंप 7.7 तीव्रता का था और 2 किमी की गहराई पर कहारनमारास, तुर्की से 67 किमी (42 मील) उत्तर-पूर्व में था। भूकंप विज्ञानियों द्वारा 100 से अधिक छोटे आफ्टरशॉक्स दर्ज किए गए हैं।
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