पत्नी का शव कंधे पर लादकर 80Km दूर अपने घर जा रहा था ये शख्स, भाषा समझ नहीं आने से लोग मदद नहीं कर पा रहे थे

Published : Feb 09, 2023, 07:00 AM ISTUpdated : Feb 09, 2023, 07:01 AM IST
embarrassing photo

सार

यह तस्वीर ओडिशा के कोरापुट जिले से वायरल हुई है। यहां 35 वर्षीय व्यक्ति पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश के एक अस्पताल से लौटते समय अपनी पत्नी की लाश को कंधे पर लादकर कई किलोमीटर पैदल चला। वजह, ऑटो वाले ने उन्हें बीच रास्ते में उतार दिया था। 

नबरंगपुर (Nabarangpur). यह तस्वीर ओडिशा के कोरापुट जिले से वायरल हुई है। यहां 35 वर्षीय व्यक्ति बुधवार(8 फरवरी) पड़ोसी राज्य आंध्र प्रदेश के एक अस्पताल से लौटते समय अपनी पत्नी की लाश को कंधे पर लादकर कई किलोमीटर पैदल चला। वजह, ऑटो वाले ने उन्हें बीच रास्ते में उतार दिया था। बाद में पुलिसकर्मियों ने सामुलु पांगी नामक इस व्यक्ति को इस हालत में देखा, तो उनकी पत्नी इदे गुरु (30) के शव को पोट्टांगी प्रखंड के उनके सोरदा गांव ले जाने के लिए एक एम्बुलेंस की व्यवस्था की।

पांगी ने अपनी बीमार पत्नी को आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम जिले के सांगीवलसा के एक अस्पताल में भर्ती कराया था। हालांकि वहां के डॉक्टरों ने कहा कि उस पर इलाज का कोई असर नहीं हो रहा है और उसे उसे करीब 100 किलोमीटर दूर घर वापस ले जाने की सलाह दी।

पांगी ने कहा कि उन्होंने अपने गांव लौटने के लिए एक ऑटो-रिक्शा किराए पर लिया, लेकिन विजयनगरम के पास उनकी पत्नी की बीच रास्ते में ही मौत हो गई। ऑटो चालक ने तब उन्हें आगे ले जाने से मना कर दिया। उसने इन्हें चेल्लुरु रिंग रोड पर उतार दिया।

जब कोई और रास्ता नजर नहीं आया, तो पांगी पैदल ही पत्नी की लाश कंधे पर रखकर घर की ओर चल पड़ा। यहां से उसका घर अभी भी लगभग 80 किलोमीटर दूर था। हालांकि कुछ लोगों ने उसे लाश ले जाते देखा, तो पुलिस को सूचना दी। इसके बाद रूरल सर्किल इंस्पेक्टर टीवी तिरुपति राव व गणत्यादा सब इंस्पेक्टर किरण कुमार मौके पर पहुंचे और उसे रोककर पूछताछ की।

शुरुआत में आंध्र प्रदेश के पुलिसकर्मियों को भाषा की समस्या के कारण पांगी क्या कह रहे थे, यह मुश्किल लग रहा था। बाद में एक व्यक्ति मिला जो ओडिशा के व्यक्ति की भाषा समझता था। पुलिस अधिकारियों ने यह पता लगाने के बाद कि क्या हुआ था? एक एम्बुलेंस की व्यवस्था की, जो पांगी और उसकी पत्नी के शव को उसके गांव ले गई। जहां पांगी ने पुलिस को उनकी मदद के लिए धन्यवाद दिया, वहीं स्थानीय लोगों ने समय पर कार्रवाई के लिए पुलिस की सराहना की।

यह घटना ओडिशा के भवानीपटना में 2016 की एक घटना की याद दिलाती है जब एक अन्य व्यक्ति, दाना मांझी एक अस्पताल द्वारा शववाहन से इनकार किए जाने के बाद अपनी पत्नी के शव को अपने कंधे पर लेकर लगभग 12 किलोमीटर तक चला था। इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बटोरी और ओडिशा में सरकार के लिए शर्मिंदगी का कारण बनी थी। ओडिशा के कालाहांडी के दाना मांझी को विदेश से भी आर्थिक मदद मिली थी। बहरीन के प्रधानमंत्री प्रिंस खलीफा बिन सलमान अल खलीफा ने उन्हें 8.9 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी थी।

हुआ यूं था कि दाना मांझी की पत्नी को टीबी हो गया था। इलाज के लिए उन्हें भवानीपटना के जिला अस्पताल लाया गया था, जहां उनकी मृत्यु हो गई थी। इसके बाद मांझी शव को चटाई और चादर में लपेट कर अपने कंधे पर लेकर गांव की ओर निकल पड़ा था। साथ में उसकी 12 साल की बेटी भी थी।

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