ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 में 121 देशों की रैंकिंग की गई है। इस रैंकिंग में भारत का सबसे खराब पोजिशन है। भारत को 121 देशों में 107वें स्थान पर जगह मिली है। पिछले साल अक्टूबर में 116 देशों की सूची में भारत 101वें स्थान पर था। भारत की स्थिति अपने पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे देशों से भी बद्तर है।
India poor position in Global Hunger index: आरएसएस का सहयोगी स्वदेशी जागरण मंच ने ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट 2022 को गैर जिम्मेदाराना और शरारतपूर्ण बताया है। एसजेएम ने कहा कि ग्लोबल हंगर रिपोर्ट से भारत को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। इस रिपोर्ट को जारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। केंद्र सरकार को इसके लिए पहल करना चाहिए।
केंद्र सरकार ने भी जताई है आपत्ति
केंद्र सरकार ने भी ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट को शनिवार को खारिज कर दिया था। केंद्र ने साफ तौर पर कहा था कि यह देश की छवि को खराब करने का प्रयास है। उधर, विपक्षी नेताओं ने कहा कि सरकार को अपनी विफलता की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
गलत रिपोर्ट जारी कर भारत को बदनाम किया
स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने रिपोर्ट को पूरी तरह से भारत को बदनाम करने वाला बताया है। जर्मनी और आयरलैंड के एनजीओ की रिपोर्ट को गलत आंकड़ों के साथ पेश करने का आरोप लगाते हुए स्वदेशी जागरण मंच ने कहा कि रिपोर्ट हकीकत से कोसों दूर है। यह रिपोर्ट न सिर्फ आंकड़ों की दृष्टि से बल्कि विश्लेषण और कार्यप्रणाली की दृष्टि से भी गलत है। एसजेएम ने कहा कि भारत ने पिछले साल अक्टूबर में जारी ग्लोबल हंगर इंडेक्स का कड़ा विरोध किया था। देश के मूल्यांकन में इस्तेमाल किए गए डेटा और कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया था।
हर बार गलत रिपोर्ट जारी किया जा रहा
संघ के सहयोगी संगठन ने तर्क दिया कि उस समय भारत सरकार की आपत्ति पर विश्व खाद्य संगठन ने आपत्ति वाले बिंदुओं का सही करने का आश्वासन दिया था। लेकिन एक बार फिर उसी गलत डेटा और कार्यप्रणाली का उपयोग करते हुए, इस साल की रिपोर्ट जारी की गई है। स्वदेशी जागरण मंच के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा कि भारत आज न केवल खाद्यान्न और अन्य खाद्य उत्पादों में आत्मनिर्भर है, बल्कि यह एक शुद्ध निर्यातक देश भी है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 में भारत में कुल खाद्यान्न उत्पादन 3,160 लाख टन है, जो प्रति व्यक्ति 227 किलोग्राम है। केंद्र सरकार दुनिया का सबसे बड़ा खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम चला रही है जिसमें पिछले 28 महीनों से 80 करोड़ देशवासियों को न केवल मुफ्त भोजन, बल्कि अनाज और दाल भी वितरित किया जा रहा है। आंगनबाडी सेवाओं के तहत लगभग 7.71 करोड़ बच्चों, गर्भवती महिलाओं या स्तनपान कराने वाली 1.78 करोड़ माताओं को 14 लाख आंगनबाड़ियों द्वारा पूरक पोषण भी प्रदान किया गया है।
121 देशों की रैंकिंग में भारत का 107वां स्थान
ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 में 121 देशों की रैंकिंग की गई है। इस रैंकिंग में भारत का सबसे खराब पोजिशन है। भारत को 121 देशों में 107वें स्थान पर जगह मिली है। पिछले साल अक्टूबर में 116 देशों की सूची में भारत 101वें स्थान पर था। भारत की स्थिति अपने पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे देशों से भी बद्तर है। चाइल्ड वेस्टिंग रेट यहां 19.3 प्रतिशत है। यह दुनिया में सर्वाधिक है। रिपोर्ट को कंसर्न वर्ल्डवाइड आयरलैंड और वेल्ट हंगर हिल्फ़ जर्मनी के गैर-सरकारी संगठनों द्वारा जारी की गई थी।
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