Putin की Visit से पहले AK-203 की डील पक्की, जानें इंसास रायफल से कितना हाईटेक है Army को मिलने वाला ये हथियार

रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे से कुछ घंटे पहले भारत और रूस के बीच AK-203 रायफल संबंधी डील पर मुहर लग गई। इससे (Indian Army) में लंबे समय से चली आ रही इंसास रायफल (Insan Rifle) अब गुजरे जमाने की बात होगी। अमेठी (Amethi) में 6.01 लाख AK 203 असॉल्ट्स रायफलों का निर्माण करेगा। 

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने सोमवर को रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु (Russian Defence Minister Sergey Shoigu) से मुलाकात की। इस बैठक में पांचों S-400 मिसाइल की समय से सप्लाई सुनिश्चित करने और आने वाले दो S-400 की तैनाती में रूस की मदद से संबंधित बातचीत हुई। इसके अलावा, AK 203 डील पर भी बातचीत हुई। डील के तहत भारत अमेठी में 6.01 लाख AK 203 असॉल्ट्स रायफलों का निर्माण करेगा। इससे पहले 70 हजार रायफलें रूस से भारत आएंगी। बैठक के बाद राजनाथ सिंह और सर्गेई शोइगु ने भारत और रूस के बीच हुए समझौतों पर हस्ताक्षर किए। जानें, भारत क्यों AK 203 रायफल ला रहा है और यह कितनी आधुनिक है। 

AK-203 असॉल्ट राइफल (AK-203 Assault Rifle) एके सीरीज की सबसे आधुनिक और घातक राइफल है। यह एके-47 का एडवांस्ड वर्जन है। रूस ने इसे 2018 में तैयार किया है। अमेठी में इसे इंडो-रशिया राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) बनाएगी। AK 203 भारतीय सेना (Indian Army) द्वारा इस्मेताल की जा रही इंसास (INSAS) की जगह लेगी। भारतीय सेना को 7.50 लाख AK-203 असॉल्ट राइफल्स की जरूरत है।



वजन और लंबाई : AK-203 असॉल्ट राइफल इंसास राइफल की तुलना में छोटी, हल्की और ज्यादा घातक है। बिना मैग्जीन के इंसास राइफल का वजह 4.15 किलोग्राम है। AK-203 का वजन महज 3.8 किलोग्राम है। इंसास की लंबाई 960 MM है, जबकि, एके-203 मात्र 705 मिलीमीटर की है। इसका फायदा ये होगी कि जवानों को यह रायफल ले जाने में सुविधाजनक होगी। लंबाई कम होने से हैंडलिंग आसान होगी। 



रेंज/ फायरिंग कैपेसिटी : इंसास में 5.56x45mm की बुलेट्स लगती हैं। इस रायफल की रेंज 400 मीटर है। AK-203 की रेंज 800 मीटर है। यानी यह इंसास के मुकाबले दोगुनी दूरी पर खड़े दुश्मन को मार गिराएगी।  
इंसास राइफल एक मिनट में 650 गोलियां चला सकती है, जबकि एके-203 एक मिनट में 600 बुलेट्स ही चलाती है। लेकिन, एके-203 से निशाना ज्यादा सटीक मिलता है, जिससे सेना की बुलेट्स कम खर्च होंगी। 

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मैग्जीन : INSAS में 20 से 30 राउंड की मैगजीन लगती है, जबकि AK-203 में 30 राउंड की बॉक्स मैगजीन लगती है। INSAS सिंगल शॉट और तीन-राउंड का बर्स्ट फायर करती है, जबकि AK-203 सेमी-ऑटोमैटिक या ऑटोमैटिक दोनों मोड में चलाई जा सकती है। 

विजिबिलिटी : इंसास में 915 मीटर इन-बिल्ट आयरन साइट, माउंट प्वाइंट लगाया जा सकता है, ताकि दूरबीन से दुश्मन को देखा जा सके। AK-203 पर एडजस्टेबल आयरन साइट तो है ही, इसके अलावा पिकैटिनी रेल लगी है। इसकी मदद से किसी भी तरह की दूरबीन को इस बंदूक पर फिक्स किया जा सकता है। यानी इसकी विजिबिलिटी अधिक दूरी तक साफ दिखाएगी और दुश्मन को मार गिराएगी। यह एके-47 सीरीज का एडवांस्ड वर्जन है। इसकी खासियत यह है कि यह कभी भी जाम नहीं होती। किसी भी जलवायु और जमीन पर काम करने में सक्षम है। 

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