सार
नई दिल्ली में आयोजित 21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन (21st India-Russia Annual Summit) में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन(Vladimir Putin) के शामिल होने से पहले भारत और रूस के बीच सैन्य डील हुई।
नई दिल्ली. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (Vladimir Putin) की 6 दिसंबर को भारत यात्रा से पहले भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और रूस के रक्षामंत्री सर्गेई शोइगु के बीच कई सैन्य समझौते पर हस्ताक्षर हुए। नई दिल्ली में आयोजित 21वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन (21st India-Russia Annual Summit) दोनों देशों के बीच एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इस डील से पहले विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर(EAM Dr. S Jaishankar) ने कहा-हमारे लिए वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन एक अनूठा आयोजन है। प्रधान मंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन महान विश्वास और विश्वास का रिश्ता साझा करते हैं। हम शिखर सम्मेलन से कुछ बहुत महत्वपूर्ण परिणामों की आशा कर रहे हैं।
चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में रूस एक प्रमुख भागीदार बनेगा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह(Rajnath Singh) और रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु(Sergei Shoigu) ने भारत और रूस के बीच हुए समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इस मौके पर राजनाथ सिंह ने कहा-रूस हमारा विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साथी है। हमारे संबंध बहुपक्षवाद, वैश्विक शांति, समृद्धि और आपसी समझ और विश्वास में समान रुचि के आधार पर समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। रक्षा सहयोग हमारी साझेदारी के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है। मुझे उम्मीद है कि भारत-रूस साझेदारी पूरे क्षेत्र में शांति लाएगी और इस क्षेत्र को स्थिरता प्रदान करेगी। भारत-रूस डिफेंस इंगेजमेंट में हाल के दिनों में अभूतपूर्व तरीके से प्रगति हुई है। हमें उम्मीद है कि रूस इन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भारत के लिए एक प्रमुख भागीदार बना रहेगा।
रूस से कहा
रूस के रक्षामंत्री सर्गेई शोइगु ने कहा-हमारे देशों के संबंध के लिए इस समय सैन्य और तकनीकी क्षेत्र में भारत-रूस का सहयोग विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। आज अंतर सरकारी आयोग की बैठक में रक्षा क्षेत्र सहयोग के बारे में रक्षा मंत्री के साथ हमारी विस्तृत चर्चा हुई। हम अपने सहयोग से बहुत संतुष्ट हैं। आज हमने एक दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए। 2031 तक सैन्य तकनीकी सहयोग के विकास का कार्यक्रम है। यह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह एक संयुक्त उद्यम है जो AK-203 राइफलों का उत्पादन करेगा और इन पूरे 10 वर्षों में, हम 600,000 से अधिक राइफलों का उत्पादन करेंगे।
विदेश मंत्री ने कहा
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा-ये हमारी चौथी बैठक है। ये भारत और रूस के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक है। आज हमारे पास न केवल अपने द्विपक्षीय संबंधों और वैश्विक स्थिति पर चर्चा करने का अवसर है बल्कि हम पहली 2+2 बैठक में भी हिस्सा लेंगे। हमारे लिए वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन यूनिक इवेंट है।PM मोदी और राष्ट्रपति पुतिन विश्वास का रिश्ता साझा करते हैं। हम शिखर सम्मेलन से बहुत ही महत्वपूर्ण परिणामों की आशा कर रहे हैं। भारत-रूस के बीच साझेदारी यूनिक है। मुझे विश्वास है कि आज की वार्ती बहुत फलदायी होगी।
यह भी जानें
रूस और भारत का 70 साल पुराना रिश्ता है। 1991 से भारत अब तक रूस से 70 बिलियन डॉलर से अधिक के सैन्य उपकरण खरीद चुका है। अमेरिका के तनाव की वजह यह है कि भारत सैन्य उपकरण खरीदने में अब अमेरिका से अधिक रूस को तवज्जो देने लगा है। यह सैन्य सामग्री अमेरिकी की तुलना में रूस से सस्ती पड़ती है। तीन साल पहले जब तीन वर्ष पहले जब रूस और भारती क एस-400 डील हो रही थी, तब भी पाकिस्तान और चीन के अलावा अमेरिका को आपत्ति हुई थी।
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