Dubai Expo 2020: खेती-किसानी में इन्वेस्ट करने भारत की पहल; जैविक खेती, बागवानी व डेयरी को लेकर कर रहा ये काम

भारत एक्‍सपो-2020 दुबई में अपने कृषि और खाद्य प्रसंस्करण कौशल(agricultural and food processing skills) का प्रदर्शन करेगा। भारत विश्‍व के निवेशकों के सामने मिलट्स (बाजरे सहित मोटे अनाज), जैविक खेती, बागवानी और डेयरी में निवेश के अवसरों का प्रदर्शन करेगा। आज से होगी यह पहल।

Asianet News Hindi | Published : Feb 17, 2022 2:34 AM IST / Updated: Feb 17 2022, 08:30 AM IST

नई दिल्ली. भारत एक्‍सपो-2020 दुबई में अपने कृषि और खाद्य प्रसंस्करण कौशल(agricultural and food processing skills) का प्रदर्शन करेगा। भारत विश्‍व के निवेशकों के सामने मिलट्स (बाजरे सहित मोटे अनाज), जैविक खेती, बागवानी और डेयरी में निवेश के अवसरों का प्रदर्शन करेगा। आज से होगी यह पहल। दुबई में होने वाले एक्सपो-2020 के दौरान भारत वैश्विक खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए पसंदीदा सोर्सिंग पार्टनर बनने पर जोर देगा और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का पता लगाने और अपनी निर्यात क्षमता को और मजबूत करने के तरीकों पर विचार-विमर्श करने के लिए विभिन्न सेमिनारों और सम्मेलनों का आयोजन करेगा।

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2 मार्च तक चलेगा यह आयोजन
एक्‍सपो-2020 दुबई के इंडिया पवेलियन में ‘खाद्य, कृषि और आजीविका’ का यह आयोजन 17 फरवरी से 2 मार्च तक चलेगा। इस पखवाड़े में खाद्य प्रसंस्करण, बागवानी, डेयरी, मत्स्य पालन, और जैविक खेती जैसे क्षेत्रों में भारत के कौशल और इन क्षेत्रों में विशाल निवेश के अवसरों का प्रदर्शन किया जाएगा।

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फूड फेस्टिवल का आयोजन
मुख्य विषय–‘मिलट्स’ के हिस्से के रूप में, इस पखवाड़े के दौरान मिलट्स फूड फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा और मिलट्स बुक का विमोचन भी किया जाएगा। मिलट्स के स्वास्थ्य और पोषण संबंधी लाभों के बारे में ध्‍यान केन्द्रित करने के लिए विभिन्न सेमिनारों का आयोजन किया जाएगा। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अभी हाल ही में भारत द्वारा प्रायोजित और 70 से अधिक देशों द्वारा समर्थित संकल्प को अपनाया है, जिसमें वर्ष 2023 को ‘अंतर्राष्ट्रीय मिलट्स वर्ष’ के रूप में घोषित किया गया है।

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भारत दुनिया में कृषि उत्पादों के 15 प्रमुख निर्यातकों में एक
देश में कृषि अपने संबद्ध क्षेत्रों के साथ सबसे बड़ा आजीविका प्रदाता क्षेत्र है। यह क्षेत्र समग्र सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में लगभग 21 प्रतिशत का महत्वपूर्ण योगदान देता है। वित्त वर्ष 2021 में 41.25 बिलियन अमेरिकी डॉलर के कृषि और संबद्ध उत्पादों के कुल निर्यात के साथ, भारत दुनिया में कृषि उत्पादों के 15 प्रमुख निर्यातकों में से एक देश बन गया है।

इस क्षेत्र की अप्रयुक्त क्षमता का लाभ उठाने के लिए, सरकार ने स्वचालित मार्ग के तहत खाद्य उत्पादों और खाद्य उत्पाद ई-कॉमर्स के विपणन में शत-प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी है। पीएलआई योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए 10,900 करोड़ रुपये (1,484 मिलियन अमेरिकी डॉलर) के प्रोत्साहन परिव्यय की भी स्‍वीकृति दी गई है। इसके अलावा, वर्ष 2021-22 तक भारत का कृषि निर्यात 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाने और अगले कुछ वर्षों में इसे 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक करने के लिए व्‍यापक कृषि निर्यात नीति भी शुरू की गई है। वैश्विक खपत पूर्व-महामारी स्‍तर पर पहुंचने से कृषि क्षेत्र के सिंचाई सुविधा, गोदाम और कोल्ड स्टोरेज जैसे बुनियादी ढांचे के निवेश में बढ़ोतरी देखी जा रही है।

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