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13 साल के राजकुमार की सुनाई देती हैं सिसकियां, भारत की 10 ऐसी जगह जहां रात तो दूर दिन में भी नहीं जाना चाहेंगे
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दिल्ली के मालचा महल में अवध घराने की बेगम विलायत रहती थीं। बाद में उन्होंने किसी वजह से आत्महत्या कर ली थी। माना जाता है कि इस महल आज भी उनकी आत्मा भटकती है।
दिल्ली में ही कनॉट प्लेट के पास अग्रसेन की बावली है, जिसका निर्माण 14वीं शताब्दी में महाराजा अग्रसेन ने कराया था। वैसे तो यह बावली अब सूख चुकी है, मगर माना जाता है कि किसी समय यह विशेष काले पानी से भरी रहती थी और यह पानी लोगों को सम्मोहित कर आत्महत्या के लिए उकसाता था।
गुजरात के सूरत में यह समुद्री किनारा जिसे दमस बीच भी कहते हैं, एक समय जलती हुई कब्रों का ठिकाना हुआ करता था। माना जाता है कि आज भी सुबह तड़के जो लोग यहां टहलने के लिए आते हैं, उन्हें चीखें सुनाई देती हैं।
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में जीपी ब्लॉक स्थित है। कहा जाता है कि इस ब्लॉक के एक घर में कई लड़के-लड़कियों की आत्मा भटकती है।
दिल्ली के महरौली में जमाली-कमाली मस्जिद हैं। इस मस्जिद परिसर में उन दोनों सूफी संतों की कब्र भी है। यहां आने वाले लोगों पर्यटकों और आसपास रहने वाले लोगों ने अक्सर देर रात अजीबो-गरीब घटनाओं की शिकायत की है।
उत्तराखंड के मसूरी जिले में लाम्बी देहर नाम से खदान है। इस खदान में 1990 में हादसा हुआ, जिसमें माना जाता है कि 50 हजार श्रमिकों की मौत हो गई। तभी से यह खदान बदहाल हालत में है। अब इसका दृश्य भी काफी भयावह है।
दिल्ली में स्थित लोथियन कब्रिस्तान करीब दो सौ साल पुराना है। 1857 के विद्रोह के दौरान इसमें कई लोगों की कब्र बनाई गई है। माना जाता है कि इसमें एक अंग्रेज सैनिक सर निकोलस की आत्मा भटकती है। यह सैनिक एक भारतीय महिला से प्यार करता था।
महाराष्ट्र के पुणे में स्थित शनिवारवदा फोर्ट भी काफी भयावह माना जाता है। कहा जाता है कि इस फोर्ट में 13 साल के एक राजकुमार की हत्या कर दी गई थी। लोगों का कहना है कि अक्सर देर रात और खासतौर पर पूर्णिमा की रात यहां उस राजकुमार की सिसकियां सुनाई देती हैं।
हिमाचल प्रदेश के शिमला में एक सुरंग है जिसे टनल-3 भी कहते हैं। कहा जाता है कि इस सुरंग में एक अंग्रेज इंजीनियर की आत्मा भटकती है। हालांकि, लोग यह भी कहते हैं कि यह आत्मा किसी को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाती है।
पश्चिम बंगाल के कुर्शियांग में स्थित डाऊ हिल पर घने जंगल हैं, जहां जाने से लोग खौफ खाते हैं। दरअसल, इस जंगल में कई लोगों ने आत्महत्या कर ली है और कई दिन या कहें महीनों तक उनके शव नहीं मिलने पर मृतकों का शव कंकाल में तब्दील हो जाता है, जिसकी हड्डियां बाद में इधर-उधर बिखर जाती है। यह दृश्य भी लोगों को डराने के लिए काफी होता है।