GOOD NEWS: कुछ दिनों में ही भारत पहुंचेगी रूस की Sputnik V, अक्टूबर तक भारत के पास होंगी 5 और वैक्सीन

दुनिया में कोरोना के एक बडे़ हॉट स्पॉट बन चुके भारत को इसी महीने  रूस की वैक्सीन Sputnik V मिल जाएगी। रूस में भारत के राजदूत बाला वेंकटेश ने इसका खुलासा किया है। ऑल इंडिया रेडियो न्यूज के मुताबिक, राजदूत ने बताया कि वैक्सीन की पहली खेप अप्रैल में भारत को मिल जाएगी। इस वैक्सीन के आने के बाद भारत में वैक्सीनेशन को गति मिलेगी। माना जा रहा है कि भारत को अक्टूबर तक 5 और वैक्सीन मिल सकती हैं।

नई दिल्ली. भारत में कोरोना का जैसे विस्फोट-सा हो गया है। बावजूद इसे हराने सब आत्मविश्वास से जुटे हुए हैं। दुनिया में कोरोना के एक बडे़ हॉट स्पॉट बन चुके भारत को इसी महीने  रूस की वैक्सीन  Sputnik V मिल जाएगी। रूस में भारत के राजदूत बाला वेंकटेश वर्मा ने इसका खुलासा किया है। ऑल इंडिया रेडियो न्यूज के मुताबिक, राजदूत ने बताया कि वैक्सीन की पहली खेप अप्रैल में भारत को मिल जाएगी। इस वैक्सीन के आने के बाद भारत में वैक्सीनेशन को गति मिलेगी। भारत में रूस के उप राजदूत रोमन बाबुश्किन ने कहा कि भारत द्वारा स्पूतनिक वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल देकर दोनों देशों के बीच स्पेशल पार्टनरशिप के नए दरवाजे खोले हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के महानिदेशक टेड्रोस एडनोम गेब्येयियस पहले ही एशिया और मध्य पूर्व के देशों में बढ़ते कोरोना केस पर भी चिंता व्यक्त कर चुके हैं। दुनियाभर में लोगों को वैक्सीन के 780 मिलियन डोज (करीब 78 करोड़) देने के बावजूद केस तेजी से बढ़ रहे हैं।

भारत में अभी हाल
 पिछले 24 घंटे में यहां रिकॉर्ड 2.16 लाख नए केस मिले हैं। एक दिन में 1,182 लोगों की मौत हुई। पिछले 11 दिनों में नए केस दोगुने हो चुके हैं। महाराष्ट्र की स्थिति बेहद खराब है। यहां ↑61,695 नए केस सामने आए हैं। देश में हर 100 में से 13 लोग पॉजिटिव निकल रहे हैं। जबकि मार्च में यही आंकड़ा सिर्फ तीन था। भारत में अब तक 14.1M केस आ चुके हैं। इनमें से 12.4M रिकवर हुए, जबकि 173K की मौत हो गई। दुनियाभर में अब तक 138M केस आ चुके हैं। इनमें  78.8M रिकवर हुए, जबकि 2.97M की मौत हो गई। देश में कुल 11,72,23,509 लोगों को कोरोना वायरस की वैक्सीन लगाई गई है। 

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इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि देशभर में मामलों की संख्या बढ़ रही है। मैं अस्पतालों में जाकर डॉक्टरों से बात करके ये जानने की कोशिश कर रहा हूं कि हमें और क्या तैयारियां करने की जरूरत है। 2021 में 2020 के मुकाबले भले ही मामलों की संख्या बढ़ रही है, उसकी गति तेज़ है। लेकिन 2021 में आपके(डॉक्टरों) पास कई सौ गुना ज़्यादा अनुभव है और हम बीमारी की गंभीरता को अच्छी तरह समझ चुके हैं। हमारे पास आज पहले के मुकाबले ज़्यादा आत्मविश्वास है।

इधर, एक अच्छी खबर है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आग्रह को केंद्र ने स्वीकार कर लिया है। इस मंजूरी के बाद अब मुंबई के हाफकिन बायो फार्मास्युटिकल इंस्टीट्यूट में भारत बायोटेक की कोवैक्सिन का निर्माण हो सकेगा। अभी इसका निर्माण हैदराबाद में हो रहा है। इसमें 12.6 करोड़ डोज निर्माण का लक्ष्‍य रखा गया है। इससे महाराष्ट्र में वैक्सीन की कमी खत्म हो जाएगी।

यह भी जानें...
रूस ने दोस्तीवाला एक बड़ा ऐलान किया है। उसने कहा है कि वो भारत को  Sputnik V वैक्सीन की टेक्नोलॉजी मुफ्त मुहैया कराने को तैयार है। यानी इसके प्रोडक्शन से लेकर आवश्यक वित्तीय सहायता तक वो शेयर करने को तैयार है। बता दें कि भारत ने रूस में बनी कोरोना वायरस वैक्‍सीन Sputnik V को इमरजेंसी इस्‍तेमाल की मंजूरी दी है। भारत में Sputnik V वैक्सीन बना रही डॉ रेड्डी लैब ने वैक्सीन के इमरजेंसी इस्‍तेमाल के लिए मंजूरी मांगी थी। सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने इसे स्वीकार कर लिया था।

रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड(RDIF) एजेंसी ने बताया कि स्पूतनिक वी कोरोना वैक्सीन को परमिशन देने वाला भारत 60वां देश है। RDIFके सीईओ किरिल दिमित्रेव  (Kirill Dmitriev) ने कहा कि भारत में इस वैक्सीन की हर साल 850 मिलियन डोज बनने जा रही हैं। यह दुनियाभर के करीब 425 मिलियन लोगों के लिए पर्याप्त हैं। इस वैक्सीन के लिए 10 देशों के बीच पार्टनरशिप हुई है। भारत में अभी कोरोना की कोविशील्ड और कोवैक्सिन वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है। ऐसे में इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी के बाद स्पुतनिक वी तीसरी वैक्सीन बन गई है। रूस की स्पुतनिकवी वैक्सीन दुनिया की पहली वैक्सीन है। रसियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (RDIF) ने भारत में हैदराबाद की डॉ रेड्डी लैब और हेटेरो बायोफार्मा, ग्लैंड फार्मा, स्टेलिस बायोफार्मा और विच्रो बायोटेक से कॉन्ट्रैक्ट किया है। 

कितनी असरदार है वैक्सीन
रूस के गैमेलेया नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी स्पुतनिकV वैक्सीन को बनाया है। रूस का दावा है कि वैक्सीन 95% तक असरदार है। हालांकि, फेज 3 ट्रायल के अंतरिम नतीजों में इसे 91.6% असरदार पाया गया है।

भारत में रामबाण साबित हो सकती है Sputnik V 
भारत में कोरोना वैक्सीन की अभी दो वैक्सीन इस्तेमाल की जा रही हैं। कुछ राज्यों में वैक्सीन की कमी की खबरें भी सामने आई हैं। ऐसे में स्पुतनिकवी को मंजूरी मिलने से देश में वैक्सीनेशन प्रोग्राम को और तेजी मिल सकती है। इसके अलावा यह वैक्सीन भारत बायोटेक की Covaxin और सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की Covishield से ज्यादा असरदार है। ऐसे में इस वैक्सीन से नतीजे और बेहतर मिल सकते हैं।  इसके अलावा  Sputnik V वैक्सीन की खास बात ये है कि इसे 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच स्‍टोर किया जा सकता है। इसी तरह कोविशील्ड और कोवैक्सिन को स्टोर करना भी आसान और सुविधाजनक है। Sputnik की भी दो डोज देनी पड़ेंगी। 

क्या होता है इमरजेंसी अप्रूवल?
वैक्सीन, दवाओं, डायग्नोस्टिक टेस्ट्स और मेडिकल डिवाइसेज के लिए इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन लिया जाता है। भारत में इसके लिए सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) रेगुलेटरी बॉडी है। CDSCO वैक्सीन और दवाओं के लिए उनकी सेफ्टी और असर के आकलन के बाद ऐसा अप्रूवल देता है।

अक्टूबर तक भारत के पास होंगी 5 और वैक्सीन 
भारत ने कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए जंग और तेज कर दी है। ऐसे में माना जा रहा है कि भारत को अक्टूबर तक 5 और वैक्सीन मिल सकती हैं। उम्मीद की जा रही है कि स्पुतनिकवी (डॉ रेड्डी), जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन ( बायोलॉजिकल), नोवावैक्स (सीरम इंस्टीट्यूट), जाइडस कैडिला और भारत बायोटेक की इंट्रानासल वैक्सीन को अक्टूबर के अंत तक मंजूरी मिल सकती है। हालांकि, सरकार का किसी वैक्सीन को इस्तेमाल की मंजूरी देने से पहले सुरक्षा और असर पर ध्यान है।

 

 

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