
India UK Free Trade Agreement 2025: तीन साल की गहन बातचीत, कई उतार-चढ़ाव और राजनीतिक बदलावों के बाद आखिरकार भारत (India) और यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) ने मंगलवार को बहुप्रतीक्षित Free Trade Agreement (FTA) को अंतिम रूप दे दिया। इस डील को दोनों देशों के लिए 'लैंडमार्क' करार दिया गया है, जिससे अरबों पाउंड की आर्थिक संभावनाओं के द्वार खुलेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश पीएम कीयर स्टारमर के बीच हुई एक बहुत गर्मजोशी भरी कॉल के बाद यह समझौता तय हुआ। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि भारत और यूके ने एक महत्वाकांक्षी और पारस्परिक रूप से लाभकारी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को सफलतापूर्वक अंतिम रूप दिया है, साथ ही Double Contribution Convention पर भी सहमति बनी है। यह हमारे Comprehensive Strategic Partnership को और मजबूत करेगा।
स्टारमर ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि UK और India ने एक ऐतिहासिक व्यापार समझौता किया है जो हमारे देशों के लोगों की आमदनी बढ़ाएगा और आर्थिक ग्रोथ को गति देगा।
भारत-यूके FTA की शुरुआत 2022 में तत्कालीन ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन और पीएम मोदी के नेतृत्व में हुई थी। तब इसका लक्ष्य अक्टूबर 2022 तक इसे फाइनल करना था लेकिन कार, व्हिस्की और इमिग्रेशन जैसे मुद्दों पर मतभेद और यूके की आंतरिक राजनीतिक अस्थिरता से डील टलती रही। हाल ही में कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल की दो बार लंदन यात्रा और ब्रिटिश ट्रेड सेक्रेटरी जोनाथन रेनॉल्ड्स के साथ मीटिंग्स ने डील को अंतिम मोड़ तक पहुंचाया।
वर्तमान में भारत और यूके के बीच द्विपक्षीय व्यापार £41 बिलियन का है। इस समझौते से इसमें £25.5 बिलियन की अतिरिक्त बढ़त की उम्मीद है। ब्रिटिश मजदूरों की सैलरी में भी सालाना £2.2 बिलियन का इजाफा होगा। India Global Forum के चेयरमैन मनोज लाडवा ने इसे दोनों देशों के रिश्तों में ऐतिहासिक मील का पत्थर बताया।
इस Free Trade Agreement के साथ चल रही Bilateral Investment Treaty (BIT) अभी पूरी तरह फाइनल नहीं हुई है लेकिन अधिकारियों को उम्मीद है कि जल्द ही इस पर भी सहमति बन जाएगी।