India-China Relation: जयशंकर ने चीन को दिया करारा जवाब, कहा- LAC पर नहीं होने देंगे किसी तरह का कोई भी बदलाव

Published : Jun 19, 2022, 08:45 AM IST
India-China Relation: जयशंकर ने चीन को दिया करारा जवाब, कहा- LAC पर नहीं होने देंगे किसी तरह का कोई भी बदलाव

सार

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar)  ने कहा कि चीन ने 1993 और 1996 के समझौते का उल्लंघन किया है। चीन ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारी संख्या में सैनिक तैनात किए हैं।  

नई दिल्ली. भारत ने चीन को साफ शब्दों में कहा है कि भारत किसी भी हाल में चीन को एलएसी पर यथास्थिति में बदलाव नहीं करने देगा। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह भी कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर किसी भी तरह की छेड़छाड़ को भारत बर्दाश्त नहीं करेगा। विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि कोरोना जैसे विपरीत हालात में भी भारत ने एलएसी पर चीन का मुकाबला किया है। 

पूर्वी लद्दाख में चल रहे सीमा विवाद का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि 1993 व 1996 में हुए समझौतों का चीन ने उल्लंघन किया है और एलएसी पर भारी संख्या में सैनिक तैनात किए हैं। इससे साफ होता है कि चीन एकतरफा तरीके से एलएसी में बदलाव की मंशा रखता है। हालांकि भारत ने चीन की इस चाल का भरपूर मुकाबला किया है। उन्होंने यह भी कहा कि देश के इस प्रयास को न तो राजनैतिक दल ही समझ पाए और न ही लोग इसे समझ रहे हैं। यहां तक कि विश्लेषक भी इस पहलू पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाए हैं। 

एकतरफा बदलाव संभव नहीं 
विदेश मंत्री जयशंकर ने यह भी कहा कि एलएसी की स्थिति में एकतरफा बदलाव भारत कभी नहीं होने देगा। इसके लिए हम हरसंभव प्रयास करेंगे। पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के बाद दूसरे देशों की प्रतिक्रिया पर विदेश मंत्री ने कहा कि दूसरे देशों ने यह स्वीकार किया है कि जो कुछ कहा गया, वह भारत सरकार के विचार नहीं थे। उन्होंने बीजेपी का भी बचाव किया और कहा कि पार्टी ने भी इसे स्पष्ट किया है और कार्रवाई की है। 

कैसी है सीमा पर स्थिति
एक कार्यक्रम के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि आमतौर पर गश्त वाले बिंदु पर सैनिक तैनात नहीं होते हैं। सैनिक हमेशा अंदर के क्षेत्र में होते हैं। आम लोगों को सीमा के बारे में बेहद सामान्य जानकारी होती है। चीन ने जब अपने सैनिकों को अग्रिम मोर्चे पर तैनात किया तो भारत ने भी वहीं नीति अपनाई है। इसका परिणाम यह हुआ कि दोनों देशों के सैनिक बेहद करीब आ गए। गलवान की हिंसा इसी का नतीजा थी। हालांकि अब कुछ बिंदुओं पर सैनिकों की वापसी हुई है लेकिन हालात तनावपूर्ण बने हुए है। 

अमेरिका-पाकिस्तान पर क्या बोले
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत लगातार इस बात पर कायम रहा है कि एलएसी पर शांति बनी रहे। साथ ही द्विपक्षीय संबंध भी बरकरार रहे। विदेश मंत्री ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ भारत का इतिहास परेशान करने वाला रहा है। पाकिस्तान के साथ हमारी बहुत सारी समस्याएं सीधे तौर पर उस समर्थन के कारण हैं जो संयुक्त राज्य अमेरिका ने पाकिस्तान को दिया। लेकिन आज अमेरिका है अलग दृष्टिकोण रखने में सक्षम है, जो वास्तव में यह कहता है कि भारत का रूस के साथ अलग इतिहास और संबंध है, जिसे हमें ध्यान में रखना होगा। उन्होंने कहा कि रूस के साथ भारत का इतिहास अमेरिका, जापान या ऑस्ट्रेलिया के साथ बाद के इतिहास से अलग है। क्वाड में हर किसी की हर चीज पर समान स्थिति नहीं है। अगर ऐसा होता है तो हम उम्मीद करते कि पाकिस्तान पर हमारे जैसा ही रुख होना चाहिए।

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