भारतीय वायुसेना और नौसेना की कोशिशों से देश के लाखों लोगों की जान बचाई जा सकी है। मित्र देशों से मेडिकल इक्वीपमेंट्स, ऑक्सीजन कंटेनर लाने से लेकर देश के दुर्गम क्षेत्रों में कुछ ही देर में पहुंचाने का जिम्मा सेनाओं ने संभाल रखा है। अकेले भारतीय वायुसेना ने देश के 534 विभिन्न हिस्सों में मेडिकल सप्लाई, ऑक्सीजन, इक्वीपमेंट्स बिना समय गंवाए पहुंचाया है। जबकि नौसेना ने ऑपरेशन समुद्र सेतु-II से मित्र देशों से मेडिकल इमरजेंसी के सामानों को लाने का काम किया है।
नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना और नौसेना की कोशिशों से देश के लाखों लोगों की जान बचाई जा सकी है। मित्र देशों से मेडिकल इक्वीपमेंट्स, ऑक्सीजन कंटेनर लाने से लेकर देश के दुर्गम क्षेत्रों में कुछ ही देर में पहुंचाने का जिम्मा सेनाओं ने संभाल रखा है। अकेले भारतीय वायुसेना ने देश के 534 विभिन्न हिस्सों में मेडिकल सप्लाई, ऑक्सीजन, इक्वीपमेंट्स बिना समय गंवाए पहुंचाया है। जबकि नौसेना ने ऑपरेशन समुद्र सेतु-II से मित्र देशों से मेडिकल इमरजेंसी के सामानों को लाने का काम किया है।
336 ऑक्सीजन कंटेनर्स को पहुंचाया वायुसेना ने
वायुसेना ने अपने विमानों से इमरजेंसी में 534 जगहों पर मेडिकल इक्वीपमेंट्स, ऑक्सीजन कंटेनर, दवाइयां, अस्थायी अस्पताल को पहुंचाया है। 336 ऑक्सीजन कंटेनर्स को लिफ्ट कर समय से पहले उपलब्ध कराया। एयरफोर्स ने जामनगर, भोपाल, चंडीगढ़, पनगढ़, इंदौर, रांची, आगरा, जोधपुर, बेगमपेट, भुवनेश्वर, पुणे, सूरत, रायपुर, उदयपुर, मुंबई, लखनउ, नागपुर, ग्वालियर, विजयवाड़ा, बडौदा, दीमापुर, हिंडन तक मेडिकल मदद पहुंचाया।
एयरफोर्स ने भरा मेडिकल इमरजेंसी के लिए 84 बार विदेशी उड़ान
भारतीय वायुसेना ने विदेशों से कोविड इमरजेंसी में विभिन्न उपकरण लाने के लिए करीब 84 बार विदेशों के लिए उड़ान भरा। इससे देश में करीब 81 क्रायोजेनिक ऑक्सीजन स्टोरेज कंटेनर्स जिसकी क्षमता 1407 एमटी है लाया गया तथा 1252 खाली ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाया गया। एयरफोर्स ने 705 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर, जियोलाइट भी विभिन्न देशों सिंगापुर, सउदी अरब, थाइलैंड, यूके, जर्मनी, बेल्जियम, आस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, इजराइल से लाया।
नौसेना समुद्र की दूरियां लांघ ला रहा भारत के लिए मदद
देश में कोविड संकट के समय भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन समुद्र सेतु-2 लॉन्च किया गया है। नेवी ने अपने जहाजों आईएनएस तलवार, आईएनएस कोलकाता, आईएनएस ऐरावत, आईएनएस कोच्चि, आईएनएस तबर, आईएनएस त्रिकंद, आईएनएस जलाश्व और आईएनएस शार्दुल को मित्र देशों से आवश्यक चिकित्सा उपकरण लाने के लिए तैनात किया गया है।
सिंगापुर से लाया क्रायोजेनिक कंटेनर
नौसेना ने पश्चिम में कुवैत से लेकर पूर्व में सिंगापुर तक नौ शिप भेजे थे। सिंगापुर से आई सामग्री में आठ खाली क्रायोजेनिक कंटेनर, 3898 ऑक्सीजन सिलेंडर, 500 भरे हुए ऑक्सीजन सिलेंडर, 10 हजार रैपिड एंटीजन टेस्ट किट और 450 पीपीई किट हैं। यह जहाज 5 मई को सिंगापुर से ऑक्सीजन टैंक और सिलेंडरों के साथ भारत के लिए रवाना हुआ था। उधर, आईएनएस त्रिकंद कतर से 27-27 मीट्रिक टन के दो ऑक्सीजन भरे कंटेनरों के साथ मुंबई, महाराष्ट्र पहुंच गया है।
आईएनएस तलवार बहरीन से लेकर आया मेडिकल उपकरण
आईएनएस तलवार 5 मई को बहरीन में मनामा बंदरगाह से चिकित्सा सामग्री लेकर कर्नाटक के न्यू मंगलौर बंदरगाह पर पहुंचा था। यह जहाज लिक्विड ऑक्सीजन लेने के लिए बहरीन के मनामा बंदरगाह पर 30 अप्रैल को पहुंचा था। आईएनएस तलवार अपने साथ बहरीन से 54 मीट्रिक टन ऑक्सीजन यानी दो 27-27 टन के लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन भरे कंटेनर लेकर वापस आया है।
आईएनएस कोलकाता भी पहुंचा अपने वतन
भारतीय नौसेना का जहाज आईएनएस कोलकाता कतर और कुवैत से दो 27 मीट्रिक टन ऑक्सीजन भरे कंटेनर, 400 ऑक्सीजन सिलेंडर और 47 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर लेकर कर्नाटक के न्यू मैंगलोर बंदरगाह पर लौट आया है। आईएनएस कोलकाता ने पहले दोहा और कतर से 200 ऑक्सीजन सिलेंडर और 43 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर हासिल किये। इसके बाद यह जहाज 4 मई को कुवैत के शुवाख बंदरगाह पहुंच गया। कुवैत ने लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन, 200 ऑक्सीजन सिलेंडर और 4 ऑक्सीजन कंटेनर भारत को दिए हैं।
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