पाकिस्तान-चीन आगे निकले तो भारत ने भी बढ़ाया कदम, वायु सेना को मिलेंगे 12 'आसमान में आंख' विमान

AEW&C विमान के मामले में चीन और पाकिस्तान के आगे निकलने के बाद भारत ने भी इस क्षेत्र में पहल किया है। आने वाले समय में भारतीय वायु सेना को 12 AEW&C विमान मिलेंगे।

 

Vivek Kumar | Published : Feb 6, 2024 9:52 AM IST / Updated: Feb 06 2024, 03:23 PM IST

नई दिल्ली। लड़ाई के वक्त आसमान में उड़ते हुए निगरानी करने और कमांड एंड कंट्रोल के काम आने वाले विमान AEW&C (Airborne early-warning and control) के मामले में पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान भारत से आगे बढ़ गए हैं। इसे देखते हुए भारत सरकार ने भी वायु सेना को 12 और AEW&C विमान देने की पहल शुरू की है। AEW&C विमानों को 'आसमान में आंख' भी कहा जाता है।

लड़ाई के दौरान AEW&C विमान अपने फाइटर जेट्स को दुश्मन के विमानों के बारे में जानकारी देते हैं। इसके साथ ही ये हवा में उड़ते कमांड सेंटर की तरह काम भी करते हैं। हवाई लड़ाई में इसका बहुत अधिक महत्व है। DRDO और भारतीय वायु सेना (IAF) का गठबंधन 6 मार्क-1ए के साथ-साथ नेत्रा AEW&C विमान के छह मार्क-2 वर्जन विकसित करने के कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहा है। फरवरी 2017 से अब तक ऐसे तीन विमान बनाए गए हैं और वायुसेना में शामिल किए गए हैं।

भारतीय वायुसेना को मिलेंगे 12 AEW&C विमान

सूत्रों के अनुसार रक्षा मंत्रालय अगले सप्ताह 6 मार्क-1ए विमानों के लिए AoN (Acceptance of Necessity) जारी किया जाएगा। इसके तहत ब्राजीलियाई एम्ब्रेयर जेट पर एक्टिव इलेक्ट्रॉनिक स्कैन्ड ऐन्टेना-आधारित रडार और इलेक्ट्रॉनिक एंड सिग्नल इंटेलिजेंस सिस्टम लगाया जाएगा। इसपर करीब 9,000 करोड़ रुपए की लागत आएगी। ये छह AEW&C विमान पहले 3 Embraer-145 जेट-आधारित नेत्रा की तरह होंगे। इनमें 240-डिग्री रडार कवरेज है। इसमें बेहतर सॉफ्टवेयर और राडार के लिए नए गैलियम नाइट्राइड-आधारित TR (ट्रांसमिट/रिसीव) मॉड्यूल जैसी अधिक उन्नत टेक्नोलॉजी होंगी।

10,990 करोड़ रुपए की लागत से 6 मार्क-2 विमानों को तैयार किया जा रहा है। इसके लिए एयर इंडिया से खरीदे गए सेकेंड-हैंड एयरबस-321 विमानों पर अधिक सक्षम रडार और सेंसर लगाए जाएंगे। ऐसे पहले AEW&C मार्क-2 विमान की डिलीवरी 2026-27 में होनी चाहिए। इनसे 300-डिग्री रडार कवरेज मिलेगा।

AEW&C के मामले में आगे है चीन और पाकिस्तान

ये दोनों प्रोजेक्ट भारत के लिए महत्वपूर्ण हैं। AEW&C और AWACS क्षेत्र में पाकिस्तान व चीन आगे है। भारत के पास ऐसे छह विमान हैं। इनमें से तीन नेत्रा और तीन इजराइली फाल्कन AWACS हैं। फाल्कन AWACS को रूसी IL-76 ट्रांसपोर्ट विमान पर तैयार किया गया है। इससे 360 डिग्री कवरेज मिलती है। इसका रेंज 400km है।

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पाकिस्तान के पास 11 Swedish Saab-2000 Erieye AEW&C और चीनी काराकोरम ईगल ZDK-03 AWACS विमान हैं। चीन के पास करीब 30 AEW&C विमान हैं। इनमें कोंग जिंग-2000 'मेनरिंग', केजे-200 'मोथ' और केजे-500 विमान शामिल हैं।

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