
Jaguar fighter jet crashed: इंडियन एयरफोर्स का एक जगुआर लड़ाकू विमान राजस्थान के चुरू में क्रैश हो गया। इसके चलते दो पायलट की मौत हुई है। दो इंजन वाला जगुआर एक ग्राउंड अटैक विमान है। इसका इस्तेमाल जमीन पर भारी बमबारी के लिए किया जाता है। इसकी मदद से परमाणु हमला किया जा सकता है। आइए इस विमान की ताकत के बारे में जानते हैं।
जगुआर विमान सबसे पहले 1973 में दुनिया के सामने पेश किए गए थे। दो इंजन वाले इस विमान का वजन 7000kg है। यह अधितकम 15700kg वजन लेकर उड़ सकता है। यह विमान अपने साथ 4500kg गोला-बारूद ले जाता है। इस विमान का रेंज 3524km है। अधिकतम रफ्तार 1,699km/h है।
जगुआर के पास 30mm के दो तोप है। इसमें 8 Matra रॉकेट या 18 SNEB 68mm रॉकेट वाला पॉड लगा सकते हैं। जगुआर अपने साथ हवा से जमीन पर मार करने वाले AS.37 Martel एंटी रडार मिसाइल और AS-30L लेजर गाइडेड मिसाइल ले जाता है। यह हवा से हवा में मार करने वाले दो R550 मैजिक मिसाइल ले जाता है। जगुआर 1 AN-52 परमाणु बम ले जा सकता है। यह BAP 100mm बम भी ले जा सकता है।
भारत ने जगुआर विमान के लिए ब्रिटेन से सौदा किया था। इसके अनुसार 40 विमान सीधे ब्रिटेन से मिलने वाले थे। बाकी के 120 विमान लाइसेंस लेकर HAL (Hindustan Aeronautics Limited) द्वारा बनाए जाने थे।
जुलाई 1979 में पहले बैच के तहत भारत को यूके के रॉयल एयर फोर्स से दो जगुआर अस्थायी रूप से मिले थे। 40 जगुआर के दूसरे बैच की डिलीवरी 1981 में शुरू हुई। वायु सेना ने 1999 में 17 जगुआर और 2001 से 2002 के बीच 20 और जगुआर हासिल किए। एचएएल ने 90 जगुआर बनाए हैं, जिनमें से कई अभी भी सेवा में हैं।
फ्रांसीसी सेना ने जुलाई 2005 में, RAF (यूके की वायुसेना) ने अप्रैल 2007 में और RAFO (ओमान की वायुसेना) ने 2014 में जगुआर विमानों को रिटायर कर दिया था। भारतीय वायुसेना के पास वर्तमान में 118 विमान सेवा में हैं। भारत अपने जगुआर विमानों की जगह AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) को शामिल करने की योजना बना रहा है। इसका अभी विकास अभी चल रहा है।